सचिन पायलट भाजपा से मिले हुए थे तो उनके समर्थक विधायकों को मंत्री क्यों बनाया? राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मानहानि का दावा करुंगा-केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत। भाजपा से मिलीभगत के आरोप पर सचिन पायलट अभी भी चुप।
जोधपुर के सांसद और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत की लोकसभा चुनाव में हार से अभी तक बौखलाए हुए हैं, इसलिए अंट-शंट बयान देते रहते हैं। मैंने कभी नहीं कहा कि जुलाई 2020 में कांग्रेस के सियासी संकट के समय सचिन पायलट भाजपा के संपर्क में थे, लेकिन फिर भी सीएम गहलोत ने मेरा नाम पायलट के साथ जोड़ दिया। सीएम ने मेरी आवाज का नमूना लेने के लिए नोटिस देने की बात भी कही, जबकि ऐसा कोई नोटिस मुझे नहीं मिला। सीएम गहलोत जो मनगढ़ंत बातें कह रहे हैं उसके विरोध में मैं मानहानि का दावा करुंगा। मैं अब तक राजनीतिक नजरिए से जवाब दे रहा था, लेकिन गहलोत ने व्यक्तिगत हमले कर दिए हैं। शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि जुलाई 2020 में यदि सचिन पायलट भाजपा से मिले हुए थे तो फिर पायलट के समर्थक विधायकों को गहलोत ने मंत्री क्यों बनाया? शेखावत ने कहा कि जुलाई 2020 में सियासी संकट कांग्रेस का आंतरिक मामला था। लेकिन सीएम गहलोत अपने राजनीतिक स्वार्थ के खातिर संकट को भाजपा से जोड़ रहे हैं। गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल में चार उन विधायकों को शामिल किया जो पायलट के साथ दिल्ली गए थे। गहलोत को पहले यह बताना चाहिए कि दिल्ली जाने वाले विधायकों को मंत्री क्यों बनाया। शेखावत ने कहा कि गत लोकसभा चुनाव में अपने बेटे वैभव गहलोत की हार को गहलोत अभी तक भी नहीं भुला पाए हैं। मुझे जोधपुर की जनता ने सांसद बनवाया है। लेकिन गहलोत मेरे विरुद्ध व्यक्तिगत आरोप लगा रहे हैं। जहां तक ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) का सवाल है तो इस मामले में सीएम गहलोत प्रदेश की जनता को लगातार गुमराह कर रहे हैं। लेकिन अब मैं चुप नहीं बैठने वाला नहीं हंू। मैं स्वयं संबंधित 13 जिलों में जाकर सीएम गहलोत के कृत्यों के बारे में लोगों को बताऊंगा। सीएम गहलोत अपने राजनीतिक स्वार्थ की खातिर 13 जिलों के लोगों के सामने गलत बयानी कर रहे हैं।
पायलट अभी भी चुप:
यूं तो सीएम गहलोत जुलाई 2020 से ही आरोप लगा रहे हैं कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश में भाजपा का हाथ है। लेकिन पिछले एक सप्ताह में गहलोत ने दो महत्वपूर्ण बातें कहीं पहली-राजस्थान में विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए बट गए थे, दूसरी कि सचिन पायलट भाजपा से मिले हुए थे। लेकिन अभी तक सचिन पायलट ने इस मामले में चुप्पी बनाए रखी है। 25 जून को जब गहलोत ने सीधे तौर पर यह मान लिया कि पायलट भाजपा से मिले हुए थे, तब पायलट को अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (26-06-2022)
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