माहौल सुधारने के लिए रोजा इफ्तार की दावत देने वाले धर्मनिरपेक्ष हिन्दू नेताओं को आगे आना चाहिए।
28 जून को राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की गर्दन काट कर जो जघन्य हत्या की गई, उससे अब पूरे देश में हिन्दू समुदाय में आक्रोश है। हत्या के बाद बिगड़ते माहौल को देखते हुए राज्य सरकार ने राजस्थान में लगातार तीन दिनों तक इंटरनेट बंद रखा। उदयपुर में तो कर्फ्यू लगाना पड़ा। हत्या के बाद दोनों हत्यारे रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने वीडियो पोस्ट कर अपना गुनाह स्वीकार किया और देश के प्रधानमंत्री को भी मारने की धमकी दी। राजस्थान सहित देश भर में जो माहौल बिगड़ा है उसे सुधारने की सख्त जरूरत है। माहौल सुधारने के लिए उन धर्मनिरपेक्ष हिन्दू नेताओं को आगे आना चाहिए जो रमजान माह में रोजा इफ्तार दावतें करते हैं। इफ्तार दावतों का मसकद हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को बढ़ाना होता है। इफ्तार दावत में रोजेदार मुसलमान भाइयों का पूरा ख्याल रखा जाता है। प्लेट में पिंड खजूर से लेकर स्वादिष्ट मिठाई तक रखी जाती है। दावत स्थल पर ही नमाज व्यवस्था भी की जाती है। मुसलमान भाई भी दावतनामा कबूल कर यह प्रदर्शित करते हैं, यह साम्प्रदायिक सद्भाव बना रहे। दावत में रोजेदारों की संख्या से ही पता चलता है कि यह हिन्दू नेता कितना बड़ा धर्मनिरपेक्ष है। राजस्थान के मुख्यमंत्री तो प्रतिवर्ष अपने सरकारी आवास पर इफ्तार दावत आयोजित करते हैं। ऐसी दावतों के बाद अखबारों और न्यूज चैनलों पर कौमी एकता की खबरें भी प्रसारित होती हैं। लेकिन सवाल उठता है कि जरुरत पड़ने पर कौमी एकता कहां चली जाती है? थोड़ा सा विवाद होने पर हिन्दू और मुसलमान आमने सामने हो जाते हैं। आमने सामने हुए लोगों को सबसे पहले अपना धर्म नजर आता है। यदि ऐसा नहीं होता तो उदयपुर में कन्हैयालाल की गर्दन नहीं काटी जाती। जो धर्मनिरपेक्ष हिन्दू नेता रमजान माह में इफ्तार दावत आयोजित करते हैं उन्हें पहल कर अब हिन्दू मुसलमानों की सद्भावना बैठक करनी चाहिए। इफ्तार दावतों में शामिल होने वाले लोग यदि सद्भावना दिखाएंगे तो भविष्य में कन्हैयालाल टेलर की गर्दन नहीं कटेगी। देश में भाईचारा कायम रहे यह सभी लोग चाहते हैं, लेकिन यह भाई चारा तभी कायम रहेगा, जब रोजा इफ्तार जैसी सद्भावना देखने को मिलेगी। उस कट्टरपंथी विचारधारा से बचने की जरूरत है जो समाज में हिंसा को बढ़ावा देती है। यदि किसी ने कोई गलत बयानी की है तो उसे कानून के मुताबिक सजा मिलेगी। जब हम अपने अधिकारों के लिए संविधान की दुहाई देते हैं, तब कानून के मुताबिक सजा मिलने का इंतजार क्यों नहीं करते। उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद के लिंक विदेशी आतंकवादियों से होने के सबूत सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान में बैठे आतंकी हमेशा भारत को कमजोर करने में लगे रहते हैं। विदेशी आतंकियों की इस चाल को भारत में रहने वाले मुसलमानों को समझना चाहिए। यह सही है कि देश के अधिकांश मुसलमान उदयपुर में गर्दन काटने वाले रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद की सोच से सहमत नहीं होंगे। अब ऐसे मुस्लिम नेताओं को भी आगे आकर माहौल सुधारने की पहल करनी चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (04-07-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511