जलकुंभी की चपेट में आ रहा है अजमेर का आनासागर। जमी जलकुंभी प्राकृतिक सौंदर्य को नष्ट कर रही है। आखिर डीवीडिंग मशीन कहां है?
स्मार्ट सिटी योजना का अधिकांश पैसा अजमेर के आनासागर के संरक्षण और प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने पर खर्च किया गया है। शहर के बीचों बीच बने आनासागर के चारों तरफ चौपाटी बनाई गई है। ताकि लोग आनासागर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सके। लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि आनासागर जलकुंभी की चपेट में आ रहा है। आनासागर के किनारे कई किलोमीटर क्षेत्र में जलकुंभी का जमाव हो गया है। जो आनासागर के प्राकृतिक सौंदर्य पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। कई किलोमीटर क्षेत्र में फैली जलकुंभी जिला प्रशासन, नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को नजर नहीं आ रही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ जिला कलेक्टर और एसीईओ नगर निगम के आयुक्त है, लेकिन फिर भी जलकुंभी को हटाने का काम नहीं हो रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ही जलकुंभी हटाने के लिए करोड़ों रुपए की कीमत वाली डीवीडिंग मशीन खरीद गई थी। मशीन खरीदते समय यह तर्क दिया गया कि अब आनासागर से जलकुंभी निकालने का काम निरंतर जारी रहेगा। लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारी अब अपनी बात और तर्क से पलट गए हैं, यही वजह है कि आनासागर में कई किलोमीटर क्षेत्र में जलकुंभी जम गई है। डीवीडिंग मशीन होते हुए भी जलकुंभी को नहीं निकाला जा रहा है। इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधि भी आंखें बंद कर बैठे हैं। आनासागर के किनारे कॉलोनियां भी बसी हैं। जलकुंभी की दुर्गंध से कॉलोनीवासी भी परेशान हैं। बरसात के मौसम में चौपाटी पर हजारों लोग प्रतिदिन घूमने आते हैं। लेकिन लोगों को भी जलकुंभी की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ही आनासागर के किनारे चौपाटी के साथ साथ उद्यान भी बनाए गए हैं। इनमें रंगीन फव्वारे भी लगाए हैं। इन सब कार्यों पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। इतनी राशि खर्च करने के बाद भी आनासागर में जमी जलकुंभी की समस्या का निदान नहीं हो रहा है। अजमेर में सत्तारूढ़ पार्टी की कमजोर राजनीति का फायदा अफसरशाही भी उठा रही है।
S.P.MITTAL BLOGGER (11-07-2022)
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