राजस्थान के अति पिछड़ा वर्ग के 5 लाख लोग 12 सितंबर को पुष्कर तीर्थ में जुटेंगे। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन पर तीन दिवसीय कार्यक्रम होगा। यह विजय बैंसला का शक्ति प्रदर्शन भी होगा।
राजस्थान में गुर्जर समुदाय सहित पांच जातियों को अति पिछड़ा मानकर 5 प्रतिशत विशेष आरक्षण दिलवाने में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बैंसला का निधन गत 31 मार्च को हुआ। निधन के बाद झुंझुनूं से बैंसला के अस्थि कलश यात्रा शुरू हुई। इस यात्रा का समापन 12 सितंबर को पुष्कर तीर्थ में होगा। पुष्कर सरोवर के सभी 52 घाटों पर अस्थियां विसर्जित की जाएगी। इस अवसर पर पुष्कर में तीन दिवसीय कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम आयोजन समिति के सदस्य सेवानिवृत्त एडीजे किशन गुर्जर और गुर्जर नेता हरचन्द हांकला ने बताया कि 12 सितंबर को पुष्कर के मेला मैदान पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अति पिछड़ा वर्ग के 5 लाख लोग भाग लेंगे। इस वर्ग के जो लोग 5 प्रतिशत विशेष आरक्षण का लाभ ले रहे हैं उन्हें पता है कि कर्नल बैंसला के लंबे संघर्ष के बाद फायदा मिला है। कर्नल बैंसला का सपना था कि दूध बेचने और पशुओं को चराने का काम करने वाले लोग भी प्रशासनिक अधिकारी बने। आज भले ही कर्नल बैंसला न हो, लेकिन उनका सपना साकार हो रहा है। चूंकि बैंसला के संबंध में सभी राजनीतिक दलों से रहे इसलिए भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। इसमें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी शामिल हैं। राजस्थान से गुर्जर समुदाय के 9 विधायक है, ये सभी कांग्रेस पार्टी के है। गत विधानसभा के चुनाव में भाजपा का एक भी गुर्जर उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका था। गुर्जर और हांकला ने बताया कि श्रद्धांजलि सभा का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। यह सभा पूरी तरह सामाजिक स्तर पर है। आने वाले सभी लोगों को दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए मेला मैदान पर ही विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। श्रद्धांजलि सभा से पहले 10 और 11 सितंबर को धार्मिक भजनों के कार्यक्रम होंगे, इनमें भजनों का दंगल भी शामिल है। 3 दिवसीय कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 7727874098 पर किशन गुर्जर से ली जा सकती है।
विजय बैंसला का शक्ति प्रदर्शन:
इसमें कोई दो राय नहीं कि गुर्जर, बंजारा, गाड़िया लुहार, रायका और गडरिया जातियों को अति पिछड़ा मानकर 5 प्रतिशत विशेष आरक्षण दिलवाने में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने इन वर्गों के लोगों को एकजुट किया। गुर्जर समुदाय के लोगों ने बलिदान भी दिया। कर्नल बैंसला अपने जीवन काल में जनजातियों के सर्वमान्य नेता रहे। कई बार गुर्जर समुदाय की एकता को तोड़ने का प्रयास भी हुआ, लेकिन विभिन्न परिस्थितियों में भी कर्नल बैंसला अपने मकसद में कामयाब रहे। जीवन के अंतिम दिनों में कर्नल बैंसला ने अपने पुत्र विजय बैंसला को उत्तराधिकारी घोषित किया। बैंसला के रहते हुए भी सरकार से जो समझौता वार्ता हुई उसमें एमबीसी वर्ग का नेतृत्व विजय बैंसला ने ही किया। विजय बैंसला चाहते हैं कि उनके पिता ने अति पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए जो मुहिम चलाई उसे आगे भी जारी रखा जाए। माना जा रहा है कि अस्थि कलश यात्रा के समापन पर होने वाला समारोह विजय बैंसला का शक्ति प्रदर्शन भी है। बैंसला का कहना है कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में एमबीसी वर्ग के लिए 5 प्रतिशत का विशेष आरक्षण तो दे दिया है, लेकिन अभी भी ऐसी मांगे हैं जिन्हें सरकार ने वादे के बाद भी पूरा नहीं किया है। इन मांगों को पूरा करवाने के लिए अति पिछड़ा वर्ग को एकजुट होना जरूरी है।
S.P.MITTAL BLOGGER (26-08-2022)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511