राजस्थान में सड़कों की चौड़ाई के पुनर्निर्धारण का विचार कलेक्टर की अध्यक्षता वाली स्थानीय एम्पावर्ड कमेटी को मिला। अजमेर के वैशाली नगर वाले मार्ग की चौड़ाई फिर से 80 फिट हो सकती है, अभी 120 फिट निर्धारित है। आखिर सरकार के आदेश पर कब अमल होगा।
राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में सड़कों की चौड़ाई के निर्धारण की बड़ी समस्या है। मास्टर प्लान में यदि किसी सड़क की चौड़ाई 80 या 120 फिट है तो स्थानीय निकाय संस्थाएं इसी निर्धारण के अनुरूप भूमि का पट्टा और मानचित्र जारी करती है। जबकि मौके पर सड़क की चौड़ाई बहुत कम होती है। मार्ग निर्धारण के विपरीत सड़क के दोनों तरफ पक्के निर्माण हो जाते हैं। ऐसे निर्माण को तोडऩा भी मुश्किल होता है, लेकिन न पक्के निर्माणों का नक्शा स्वीकृत होता है और न ही खाली भूखंडों का पट्टा जारी होता है। यदि किसी मार्ग पर भूखंड का पट्टा जारी होता है तो वह निर्धारित सड़क की चौड़ाई के अनुरूप ही होता है। इस बड़ी समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने गत 4 जुलाई को एक आदेश जारी किया है। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा और स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम द्वारा जारी आदेश में इस बात को स्वीकार किया गया है कि शहरी क्षेत्रों में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग के बाईपास मार्ग बन जाने से मास्टर प्लान वाली सड़क की चौउ़ाई की जरुरत नहीं है। वैसे भी शहरी क्षेत्रों मास्टर प्लान में निर्धारित सड़क की चौड़ाई के विपरीत सड़क के दोनों ओर 80 प्रतिशत तक निर्माण हो गए हैं। ऐसे सड़कों के मार्गाधिकार को लेकर ही नए आदेश जारी किए हैं। जिन सड़कों के दोनों ओर 80 प्रतिशत निर्माण हो गए हैं उनकी चौड़ाई का पुनर्निर्धारण स्थानीय एम्पावर्ड कमेटी द्वारा किया जा सकता है। यह कमेटी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी हुई है। यानी मास्टर प्लान में सड़क की जो चौड़ाई निर्धारित कर रखी है उसे एम्पावर्ड कमेटी कम कर सकती है। सरकार के इस आदेश पर अमल होता है तो राजस्थान भर में लोगों को राहत मिलेगी। मौजूदा समय में सड़क की चौड़ाई के निर्धारण की वजह से न तो पट्टे जारी हो रहे हैं और न ही मानचित्र।
वैशाली नगर सड़क की चौड़ाई कम होगी:
राज्य सरकार के चार जुलाई के आदेश का सबसे ज्यादा असर अजमेर के वैशाली नगर मार्ग पर पड़ेगा। मास्टर प्लान में सर्किट हाउस से लेकर रीजनल कॉलेज तक की सड़क की चौडाई 120 फिट निर्धारित कर रखी है। पूर्व में यह चौड़ाई 80 फिट थी, जिसे बढ़ाकर 120 फिट किया गया, जबकि इस मार्ग पर कई स्थानों पर सड़क की चौड़ाई 80 फिट भी नहीं है। चूंकि सड़क के दोनों ओर 90 प्रतिशत से भी ज्यादा पक्के निर्माण हो चुके हैं, इसलिए सड़क की चौड़ाई 120 फिट हो ही नहीं सकती है। यदि सरकार के 4 जुलाई के आदेश के अनुरूप जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली एम्पावर्ड कमेटी वैशाली नगर सड़क की चौड़ाई 80 फिट निर्धारित करती है तो हजारों लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन सवाल उठता है कि अजमेर प्रशासन सरकार के आदेश पर कब अमल करेगा? शायद 4 जुलाई वाला आदेश जिम्मेदार अधिकारियों ने अभी तक भी देखा नहीं है। सवाल यह भी है कि आखिर आदेश को फाइलों में दबा कर क्यों रखा गया है। क्या 120 फिट की आड़ लेकर वसूली की जा रही है? सरकार जब लोगों को राहत देना चाहती है तो फिर अफसरशाही रोड़े क्यों अटका रही है। कुंजीलाल मीणा और डॉ. जोगाराम को भी यह देखना चाहिए कि अजमेर में सरकार के आदेश पर अमल क्यों नहीं हो रहा है। 4 जुलाई 2022 वाला सरकार का आदेश मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (30-08-2022)
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