पद यात्रा से नहीं, अनुच्छेद 370 को समाप्त करने जैसे फैसलों से भारत मजबूत होता है। यह बापू की नहीं, राहुल गांधी की पदयात्रा है, जिसमें 60 वातानुकूलित कंटेनर ट्रकों में साथ चलेंगे। राहुल गांधी कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए अभी भी राजी नहीं हुए हैं-अशोक गहलोत।
कांग्रेस को लगता है कि पिछले 8 वर्षों में मोदी सरकार ने देश को तोड़ दिया है, इसलिए अब राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ों यात्रा शुरू की गई है। इस यात्रा में राहुल गांधी और अनेक कांग्रेसी 3 हजार 570 किलोमीटर का सफर पैदल तय करेंगे। पिछले 8 वर्षों में देश किस तरह टूटा है, यह तो राहुल गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार अशोक गहलोत ही बता सकते हैं। लेकिन आप नागरिक यह जानता है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करके, अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनवाने जैसे फैसलों से ही भारत मजबूत हुआ है। 2014 से पहले जम्मू कश्मीर के हालात किसी से छिपी नहीं थे। सुरक्षा बलों पर रोजाना पत्थरबाजी होती थी। श्रीनगर के लालचौक पर आए दिन तिरंगे का अपमान होता था। संपूर्ण जम्मू कश्मीर पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादियों के कब्जे में था। आतंकवाद के कारण सेना को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने में परेशानी हो रही थी। राहुल गांधी या अशोक गहलोत बताएं कि जम्मू कश्मीर के इन हालातों के लिए कौन जिम्मेदार था? 2014 से पहले तक देश में अधिकतर कांग्रेस का ही शासन था। आज राहुल गांधी और अशोक गहलोत भारत को जोड़ने की बात कर रहे हैं, जबकि 2019 से पहले अनुच्छेद 370 के प्रभावी रहते भारत का कानून जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता था। जम्मू कश्मीर का अपना अलग झंडा भी था। 2019 में अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान में जाने से बचाया गया। राहुल गांधी आज जिस आरएसएस को देश तोड़ने वाला संगठन बता रहे हैं उसी आरएसएस की नीतियों के तहत जम्मू कश्मीर से 370 को समाप्त किया गया। अब न तो सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके जाते हैं और न ही किसी भारतीय को जम्मू कश्मीर जाने से डर लगता है। कांग्रेस बताए कि अनुच्छेद 370 को समाप्त कर क्या मोदी सरकार ने भारत को तोडऩे वाला काम किया? इसी प्रकार करोड़ों भारतीयों की भावना के अनुरूप अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनवाया गया। अब यदि राहुल गांधी और अशोक गहलोत राम मंदिर निर्माण को भी देश तोडऩे वाला निर्णय मानते हैं तो फिर भगवान भी कांग्रेस को वैसे ही परिणाम दे रहा है। 545 सांसदों में से कांग्रेस के सिर्फ 52 सांसद हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। देश में सिर्फ दो राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है। इतनी बुरी स्थिति से भी कांग्रेस कोई सबक नहीं ले रही है तो फिर आम भारतीय क्या कर सकता है।
बापू की नहीं, राहुल की पदयात्रा:
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने अनेक पद यात्राएं की। इन पद यात्राओं में अपार जनसमूह भी मौजूद रहा। लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद अब राहुल गांधी कन्या कुमारी से कश्मीर तक की पद यात्रा कर रहे हैं। हालांकि राहुल गांधी का राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परिवार से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन राजनीतिक कारणों से राहुल ने भी अपने नाम के साथ गांधी शब्द का इस्तेमाल कर रखा है। चूंकि यह यात्रा राहुल गांधी की है इसलिए यात्रा के साथ 60 वातानुकूलित कंटेनर भी ट्रकों में लदे हुए हैं। राहुल गांधी के लिए भी एक बड़ा कंटेनर तैयार किया गया है। ये सभी कंटेनर उस गांव में पहले से पहुंच जाएंगे, जहां पद यात्रा के कांग्रेस रात्रि विश्राम करेंगे। क्योंकि पदयात्री गांव में ही रुकेंगे इसलिए रात्रि विश्राम के लिए कंटेनरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं:
राहुल गांधी की पदयात्रा के दूसरे दिन 8 सितंबर को भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके साथ रहे। इसी दौरान गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तभी से कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी से आग्रह कर रहे हैं कि वे अध्यक्ष पद पुन: संभाले। लेकिन राहुल गांधी अभी टस से मस नहीं हुए हैं। गहलोत ने कहा कि देश के मौजूदा हालात में राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना जरूरी है।
S.P.MITTAL BLOGGER (08-09-2022)
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