राजस्थान में हुए साम्प्रदायिक दंगे कांग्रेसियों ने करवाए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का यह बयान बहुत गंभीर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर करौली में साम्प्रदायिक आग लगाने का आरोप लगाया था। राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के परिवार के सदस्यों के ठिकानों से 100 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के दस्तावेज जब्त।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 10 सितंबर को राजस्थान के जोधपुर के दौरे पर रहे। शाह ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार पर तो राजनीतिक हमले किए ही, साथ ही कहा कि पिछले दिनों करौली से लेकर जोधपुर तक में जो दंगे हुए वे कांग्रेसियों ने करवाए हैं। इन सुनियोजित दंगों में कांग्रेस की साजिश रही है। यह माना कि अमित शाह ने जोधपुर में भाजपा के राजनीतिक समारोहों में यह बात कही। लेकिन सब जानते हैं कि अमित शाह मौजूदा समय में देश के गृह मंत्री हैं। गृहमंत्री के पास देशभर से इनपुट आते हैं। यदि मिली सूचनाओं के आधार पर अमित शाह ने दंगों वाली बात कही है तो अपने आप में गंभीर बात है। क्योंकि किसी सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता दंगे भी करवा सकते हैं? अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताना चाहिए कि दंगों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोई एडवाइजरी मिली थी? जब गृहमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कोई बात कही है तो राज्य सरकार को एडवाइजरी भी भेजी होगी। गहलोत का जवाब इसलिए भी जरूरी है कि साम्प्रदायिक दंगों की वजह से प्रदेश के लोगों को कर्फ्यू के हालात भुगतने पड़े थे। जहां तक बयानबाजी का सवाल है तो करौली में जब साम्प्रदायिक विवाद हुआ था, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर आग लगाने का आरोप लगाया था, लेकिन गहलोत ने आज तक यह नहीं बताया कि नड्डा ने करौली में दंगे कैसे करवाए और न ही दंगों के लिए नड्डा के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज किया। अमित शाह का बयान कोई राजनीतिक बयान नहीं माना जा सकता।
टैक्स चोरी के दस्तावेज जब्त:
राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के पुत्र मधुर यादव और त्रिभुवन यादव के व्यावसायिक ठिकानों पर गत 7 सितंबर को आयकर विभाग की जो छापामार कार्यवाही हुई थी वह 11 सितंबर को पूरी हो गई है। जानकार सूत्रों के अनुसार मंत्री के दोनों पुत्रों के राजस्थान और उत्तराखंड के ठिकानों में से 110 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। 7 सितंबर को जब आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही शुरू हुई थी, तब मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा था कि उनकी कंपनियों द्वारा सरकार को मिडडे मील योजना में सप्लाई का कोई काम नहीं है। उनका कारोबार पैकेजिंग का है। उनके यहां तैयार प्लास्टिक के बैग में कौन क्या करता है। इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं है। लेकिन सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग को जो दस्तावेज मिले हैं, उनसे पता चलता है कि मिड डे मील की सप्लाई में मंत्री के पुत्रों की भी भूमिका रही है। बताया तो यह भी जा रहा है कि डमी कंपनियां बता कर मिड डे मील की सप्लाई की गइ्र, यहां यह उल्लेखनीय है कि राजस्ािान में गृह विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही है। चूंकि राजेंद्र यादव गहलोत के भरोसे के हैं, इसलिए उन्हें राज्यमंत्री नियुक्त किया गया है। आयकर विभाग ने मंत्री पुत्रों के ठिकानों से 1 करोड़ 75 लाख रुपए की नगदी और जेवरात भी तलाशे हैं। अभी बैंकों के 12 लॉकर खुलने हैं। लॉकर खुलेंगे तब नकदी जेवरात और सम्पत्तियों के कागजात और बरामद हो सकते हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (11-09-2022)
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