राजस्थान में वंशावली लिखने वालों को तलाश रही है सरकार। वंशावली अकादमी के अध्यक्ष रामसिंह राव ने अपनी बुद्धिमता से कुरान की आयातों का राजस्थानी में तर्जुमा किया है। दृष्टि राय की कत्थक कला की वेबसाइट भी लॉन्च।
भारत की सनातन संस्कृति में परिवार और जाति की वंशावली लिखने की पुरानी परंपरा रही है। ऐसी वंशावली लिखने में भाट समुदाय के लोग विशेषज्ञ माने जाते हैं। वंशावली किसी भी परिवार को सम्मान ही बढ़ती है। लेकिन आधुनिकता के दौर में वंशावली लिखने वाले भी लुप्त हो गए। वंशावली लिखने की कला को फिर से तलाशने के लिए गत भाजपा शासन में भी प्रयास हुआ, लेकिन इस बार कांग्रेस शासन में वंशावली अकादमी का अध्यक्ष जयपुर जिले के आसलपुर जोबनेर के विद्वान और कथा वाचक राम सिंह राव को बनाया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राव को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया है। 16 अक्टूबर को अजमेर में हुए एक समारोह में भाग लेने आए राव ने बताया कि राजस्थान में वंशावली लिखने वालों की तलाश हो रही है। अकादमी का प्रयास है कि वंशावली लिखने वाले परिवारों को एक मंच पर लाया जाए। वंशावली लिखने का कार्य कोई साधारण नहीं है। बल्कि यह एक कला है, जो बिना बुद्धि और अनुभव के संभव नहीं है। मेरा परिवार भी इसी कार्य से जुड़ा रहा। लेकिन अब परिवार के युवाओं में इस कार्य के प्रति रुचि नहीं है। राव ने कहा कि समाज में जो परंपरागत कार्य हैं, उनका जारी रहना जरूरी है। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि आधुनिकता की दौड़ में परंपरागत कार्यों की अपेक्षा की जा रही है। यदि परिवार के परंपरागत कार्यों को जारी रखा जाए तो बेरोजगारी से भी मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक सुनार का बेटा यदि अपने पिता की दुकान पर बैठ कर सोने के आभूषण बनाने का कार्य करता है तो आधुनिकता वादी लोग ताना मारने लगते हैं। पिता से कहा जाता है कि बेटे को डॉक्टर या इंजीनियर बनाया जाए। राव ने कहा कि मैं किसी युवा के डॉक्टर या इंजीनियर बनने का एतराज नहीं कर रहा, लेकिन मैं चाहता हूं कि परिवार के परंपरागत कार्य भी जारी रहे। इसलिए मेरा प्रयास है कि वंशावली लिखने का कार्य राजस्थान में एक बार फिर से शुरू किया जाए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझ पर जो भरोसा जताया है उस पर मैं खरा उतरने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि उनका मूल कार्य कथावाचन का है। इस नाते वे धर्मगुरु की गद्दी पर बैठते हैं, लेकिन सीएम गहलोत ने उन्हें राजगद्दी भी दे दी है। इसे ईश्वर की कृपा की कहा जाएगा कि उन्हें सात भाषाओं का ज्ञान है। भले ही उन्होंने 11वीं कक्षा तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण की हो, लेकिन उन्होंने पवित्र कुरान की आयतों का राजस्थानी तर्जुमा किया है। उन्हें कुरान की आयतें कंठस्थ हैं। एक और भगवद्गीता के श्लोक राजस्थानी में सुनाते हैं तो वहीं जब राजस्थानी भाषा में कुरान की आयतें सुनाई जाती हैं तो ग्रामीण क्षेत्र के मुसलमान भी आनंदित हो जाते हैं। उन्हें मस्जिदों और अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर कुरान की आयतों को राजस्थानी में सुनने का अवसर मिला है। कत्थक कला से जुड़े समारोह में राव ने राग भैरव सुनाया तो वहीं कत्थक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। राव ने माना कि सीएम गहलोत ने एक फकीर को राजगद्दी पर बैठा दिया है। इसलिए मैं अब पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपना कर्तव्य पूरा कर रहा हंू। राव ने कहा कि सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री चिरंजीव स्वास्थ्य जीवन योजना, नि:शुल्क दवा योजना, पुरानी पेंशन योजना, शहरी क्षेत्र में युवाओं को सौ दिनों का रोजगार देने आदि के जो कार्य किए हैं वे उल्लेखनीय हैं। लेकिन इन कार्यों को आम लोगों तक नहीं पहुंचाया जा रहा है। राजस्थान में वंशावली अकादमी के कार्यों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9828644373 पर रामसिंह राव से ली जा सकती है।
वेबसाइट भी लॉन्च:
16 अक्टूबर को वैशाली नगर के एक रेस्टोरेंट में आयोजित समारोह में कत्थक कलाकार सुश्री दृष्टि रॉय की वेबसाइट भी लॉन्च हुई। इस मौके पर रामसिंह राव के साथ साथ पुष्कर स्थित चित्रकूट धाम के उपासक पाठक जी महाराज, अजमेर जेल के अधीक्षक पारस जांगिड़, अंतरराष्ट्रीय खेल अधिकारी धनराज चौधरी भी उपस्थित रहे। कत्थक कला केंद्र की अध्यक्ष दृष्टि रॉय ने बताया कि उनकी वेबसाइट के माध्यम से कत्थक नृत्य के गुर जाने जा सकते हैं। वेबसाइट पर जहां उनके प्रादेशिक और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की झलक देखने को मिलेगी वहीं कत्थक कला के बारे में विस्तृत जानकारी भी होगी। इस अवसर पर पाठक जी महाराज ने कहा कि अब दृष्टि रॉय की कला का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकेगा। उन्होंने दृष्टि रॉय को अपना आशीर्वाद भी प्रदान किया। कत्थक कला केंद्र की उपाध्यक्ष पूजा चटर्जी, सचिव योग बाला वैष्णव, कल्पना कांसवा आदि ने केंद्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कत्थक कला के बारे में और अधिक जानकारी 222.स्रह्म्द्बह्यद्धह्लद्बह्म्श4.ष्शद्व वेबसाइट से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (17-10-2022)
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