भारत में रहने वाले पाकिस्तान के हिमायती ताजा हालातों से सबक लें। भारत में असदुद्दीन ओवैसी 24 घंटे जहर उगलते हैं तो राहुल गांधी पूरी स्वतंत्रता से सड़कों पर दौड़ लगाते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले के बाद पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं। यह हमला तीन नवंबर को गुजरांवाला के अल्लाह ताला चौक पर उस समय हुआ, जब इमरान खान अपने समर्थकों के साथ मार्च निकाल रहे ळो। जख्मी इमरान अब लाहौर के अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन पूरे पाकिस्तान में हिंसक वारदात हो रही है। अफरा-तफरी के इस माहौल में ही इमरान के समर्थकों ने आर्मी चीफ जनरल बाजवा, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के सरकारी आवास को घेर लिया है। उपद्रवी सेना के टैंकों पर चढ़ कर करतब कर रहे हैं। पाकिस्तान में चारों तरफ अराजकता का माहौल है। पाकिस्तान पहले से भुखमरी के कगार पर खड़ा है और ताजा अराजकता ने इस मुस्लिम राष्ट्र को गृहयुद्ध में झोंक दिया है। अल्लाह का शुक्र है कि इमरान बच गए, लेकिन बेनजीर भुट्टो से लेकर जियाउल हक तक मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। कट्टरपंथियों के गिरफ्त में आए पाकिस्तान में सरकार की कानून व्यवस्था कोई मायने नहीं रखती है। जब पूर्व प्रधानमंत्री ही सुरक्षित नहीं है, तब आम पाकिस्तानी की सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है। पाकिस्तान भी भारत के साथ ही आजाद हुआ था, लेकिन आज पाकिस्तान और भारत की स्थिति में रात दिन का अंतर है। खुद इमरान और शाहबाज शरीफ मानते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अलग पहचान बनी है। भारत की विदेश नीति अमरीका, रूस और चीन जैसे शक्तिशाली देश के दबाव में नहीं है। आज भारत अमरीका के प्रतिबंध के बाद भी रूस से कच्चा तेल आयात कर रहा है। भारत ने सीमा पर चीन को भी सबक सिखा दिया है। अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के दखल को कम किया है। लेकिन फिर भी भारत में रहने वाले कुछ नेता पाकिस्तान के हिमायती हैं। इसलिए अनुच्छेद 370 को हटाने, एनआरसी लागू करने जैसे निर्णयों का विरोध करते हैं। कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान से वार्ता करने का दबाव डाला जाता है। जो पाकिस्तान कट्टरपंथी के कारण खुद गृह युद्ध जैसे हालातों से गुजर रहा है, वह कश्मीर समस्या का क्या समाधान करेगा? भारत में तो अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान के समर्थक भी हैं। जबकि भारत में आजादी के बाद से ही लोकतंत्र कायम है। लोकतांत्रिक व्यवस्था के कारण ही आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी रोजाना जहर उगलने वाली भाषा बोलते हैं। इसे बोलने की आजादी ही कहा जाएगा कि ओवैसी के बयान दिन भर न्यूज चैनलों पर प्रसारित होते रहते हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ों यात्रा में सड़कों पर दौड़ लगा रहे हैं। बच्चों के साथ खेलकूद करने से लेकर आदिवासियों के करतब भी राहुल गांधी दिखा रहे हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेता भी मौजूदा सरकार और सेना पर हमले करते रहे हैं, लेकिन फिर भी ऐसे नेताओं की आवाज को दबाने की कोशिश नहीं की गई। हर पांच साल में चुनाव होते हैं, देश की जनता चाहे जिस दल को सत्ता सौंप देती हैं। जबकि आजादी के 75 वर्षों में से अधिकांश समय पाकिस्तान में सैनिक शासन रहा। इस बार भी पाकिस्तान सैनिक शासन की ओर बढ़ रहा है। भारत के अधिकांश मुसलमान भी मानते हैं कि पूरी दुनिया में भारत का मुसलमान सबसे ज्यादा महफूज है। मुस्लिम बच्चियां पूरी स्वतंत्रता के साथ अंग्रेजी माध्यम के कान्वेंट स्कूल कॉलेजों में पढ़ रही हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (04-11-2022)
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