भाजपा के सांसद, विधायक और मेयर एलिवेटेड रोड की एक भुजा के लोकार्पण समारोह का बहिष्कार करेंगे। अजमेर प्रशासन पर सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया।
अजमेर में निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड की एक भुजा का लोकार्पण प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल 16 नवंबर को सायं चार बजे कर रहे हैं। यह लोकार्पण ऑनलाइन तकनीक से होगा, यानी धारीवाल जयपुर में रहेंगे और अजमेर कलेक्ट्रेट में बने वीडियो कॉन्फ्रेंस हॉल में अजमेर के जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहेंगे। लेकिन इस ऑनलाइन लोकार्पण समारोह का सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल और नगर निगम के मेयर श्रीमती ब्रजलता हाड़ा ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। इन जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्रशासन ने सम्मान जनक तरीके से निमंत्रण नहीं दिया है। जनप्रतिनिधियों को जो सम्मान दिया जाना चाहिए वह अजमेर प्रशासन नहीं दे रहा है। नेताओं का कहना रहा कि एलिवेटेड रोड के निर्माण में लगातार विलंब हो रहा है, जिसकी वजह से शहर भर के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक देवनानी ने आरोप लगाया कि एलिवेटेड रोड के निर्माण में विलंब होने पर संबंधित कंपनी के विरुद्ध जुर्माना किया जाना चाहिए था, इसके विपरीत मंत्री धारीवाल जयपुर से ही लोकार्पण की रस्म अदा कर रहे हैं। धारीवाल का उद्देश्य सिर्फ कंपनी की करतूतों पर पर्दा डालना है। जिस भुजा का लोकार्पण किया जारहा है उस पर अभी लाइट भी नहीं लगाई गई है। देवनानी ने कहा कि इस भुजा पर ट्रैफिक तो दीपावली से पहले ही शुरू कर दिया गया था। अब किस बात का लोकार्पण किया जा रहा है? देवनानी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आधे अधूरे एलिवेटेड रोड का लोकार्पण किया जा रहा है। अच्छा होता कि एलिवेटेड रोड का कार्य पूरा हो जाने पर लोकार्पण किया जाता। अभी पीआर मार्ग वाली भुजा पर गर्डर भी नहीं रखे गए हैं। इतना ही नहीं सोनी जी की नसियां के निकट तो दीवार ही बनाई जा रही है। यहां यह उल्लेखनीय है कि एलिवेटेड रोड का कार्य केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत हो रहा है। स्मार्ट सिटी के कार्यों पर खर्च होने वाली राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है। भाजपा के नेता पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि स्मार्ट सिटी के कार्यों के नाम पर केंद्र की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत आना सागर के भराव क्षेत्र में जो पाथवे का निर्माण किया गया है। इसको लेकर भी शहरभर में नाराजगी है। पाथवे की वजह से हजारों टन मिट्टी आनासागर में भरी गई है, जिसकी वजह से आनासागर झील की भराव क्षमता कम हो गई है। स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों ने अवैध कब्जे हटाए बगैर ही पाथ-वे का निर्माण कर दिया है जिसका फायदा अब अवैध कब्जाधारियों को मिल रहा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-11-2022)
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