धर्मेन्द्र राठौड़ की लिखी पटकथा है, इसलिए विजय बैंसला के नेतृत्व वाला गुर्जर गुट राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा का विरोध नहीं कर पाएगा। जयपुर में जब धर्मेन्द्र राठौड़ की पहल पर पुष्कर विकास पर बैठक हो रही थी, तब भी पुष्कर में सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा था।
1 दिसंबर को भी जयपुर में गुर्जर नेता विजय बैंसला और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच पांचवें दौर की वार्ता हुई। इस वार्ता में नतीजा क्या निकला यह विजय बैंसला ही बता सकते हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि विजय बैंसला के नेतृत्व वाला गुर्जरों का गुट राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा का विरोध नहीं करेगा, क्योंकि विजय बैंसला की पटकथा अशोक गहलोत सरकार के संकटमोचक धर्मेन्द्र राठौड़ ने लिखी है। यात्रा के विरोध की घोषणा से लेकर सरकार से वार्ता तक की रूप रेखा पहले से ही तैयार है। विजय बैंसला अभी जो विरोध के तेवर दिखा रहे हैं, वह भी पटकथा में शामिल हैं। धर्मेन्द्र राठौड़ चाहते हैं कि विजय बैंसला भी गुर्जर समुदाय के नेता बन जाए, ताकि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के मुकाबले में खड़ा किया जा सके। राठौड़ को विजय बैंसला को गुर्जरों का नेता बनवाने में कितनी सफलता मिलेगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल गहलोत सरकार विजय बैंसला को ही गुर्जरों के नेता मान रही हैं। हो सकता है कि बैंसला का राजनीतिक और जातिगत कद बढ़ाने के लिए सीएम गहलोत से भी मुलाकात करवाई जाए। यह सही है कि गुर्जर आंदोलन में जो मुकदमे दर्ज हुए थे, वे अभी तक चल रहे हैं। रीट परीक्षा में गुर्जर समुदाय को अलग से पांच प्रतिशत आरक्षण के लाभ का मामला भी उलझा हुआ है। राहुल की यात्रा से पहले कुछ मांगों पर सहमति बन जाएगी। सब जानते हैं कि विजय बैंसला स्वर्गीय किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र हैं। विजय बैंसला को अपने पिता की विरासत की भी चिंता है। किरोड़ी सिंह बैंसला भाजपा में रहे, लेकिन विजय बैंसला को भाजपा में अपेक्षित महत्व नहीं मिल रहा है। धर्मेन्द्र राठौड़ ने बैंसला की मन स्थिति को देखते हुए ही पटकथा लिखी है। इस पटकथा की शुरुआत तीन माह पहले पुष्कर में हुए स्वर्गीय किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन समारोह से हो गई थी। तब धर्मेन्द्र राठौड़ की पहल पर ही विजय बैंसला ने मुख्यमंत्री गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को खासतौर से आमंत्रित किया था। यह बात अलग रही कि समारोह में हुड़दंग हो जाने से सरकार के मंत्री और सीएम पुत्र भाषण तक नहीं दे सके। तब भी विजय बैंसला सरकार के साथ खड़े नजर आए। इसमें कोई दो राय नहीं कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन के बाद उनके पुत्र विजय बैंसला को लपकने में धर्मेन्द्र राठौड़ ने विलंब नहीं किया।
जयपुर में बैठक, पुष्कर में गंदा पानी:
पुष्कर से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए लालायित राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष और सीएम गहलोत के भरोसेमंद कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौड़ की पहल पर 30 नवंबर को जयपुर में पुष्कर विकास को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में राठौड़ के साथ प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल भी उपस्थित रहे। बैठक के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बैठक में पुष्कर नगर पालिका के ईओ से लेकर जिला कलेक्टर अंशदीप तथा विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा तक उपस्थित रहे। बैठक में पुष्कर के विकास पर 500 करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर विचार हुआ। पुष्कर के विकास के लिए पहले भी ऐसे प्रस्ताव आए हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि पवित्र सरोवर से जुड़ी सड़कों पर आज भी सीवरेज का गंदा पानी बहता है। 30 नवंबर को भी जब धारीवाल और राठौड़ बैठक कर रहे थे, तब भी पुष्कर की सड़कों पर सीवरेज का पानी बह रहा था। इस गंदे पानी में से ही होकर लोगों को सरोवर के घाटों में से ही होकर लोगों को सरोवर के घाटों पर पूजा अर्चना के लिए जाना पड़ रहा है। सीवरेज का पानी पिछले कई वर्षों से पुष्कर तीर्थ की सड़कों पर बह रहा है, लेकिन आज तक भी रोकथाम नहीं हुई है। हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन सरोवर की परिक्रमा करते हैं। श्रद्धालुओं को भी गंदे पानी से होकर गुजरना होता है। अच्छा हो कि सबसे पहले सीवरेज लाइन को ठीक किया जाए, ताकि गंदा पानी सड़कों पर नहीं आए। इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-12-2022)
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