राजनीति में तकदीर हो तो विधायक अनिता भदेल जैसी हो। 25 वर्षों में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। शादी के बाद पलटी तकदीर। पुष्कर घाटी में बंदरों को केले भी खिलाए।
राजस्थान की पूर्व मंत्री और मौजूदा समय में प्रदेश भाजपा की तेज तर्रार प्रवक्ता तथा लगातार चार बार की विधायक अनिता भदेल ने 23 दिसंबर को अपना 51वां जन्मदिन मनाया। निर्वाचन क्षेत्र अजमेर दक्षिण में जगह जगह स्वागत समारोह हुए तथा क्षेत्र के लोगों ने भदेल के स्वस्थ रहने और लंबी उम्र की कामना के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। भदेल ने भी दक्षिण क्षेत्र के मतदाताओं को भरोसा दिलाया कि वे सेवा का कार्य करती रहेंगी। आमतौर पर राजनीति में लंबी जद्दोजहद के बाद एक बार विधायक बनने का अवसर मिलता है। कई कार्यकर्ता तो दरिया बिछाते हुए ही अपना जीवन पूरा कर लेते हैं। कई कार्यकर्ता संगठन में तो ऊंचे पद पर पहुंच जाते हैं, लेकिन विधायक या सांसद बनने का सुख प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन इसके उलट अनिता भदेल राजस्थान में ऐसी राजनीतिज्ञ हैं, जिन्हें एक बार अवसर मिला तो उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। करीब 24 वर्षों के राजनीतिक सफर में भदेल ने कभी भी हार का सामना नहीं किया। वर्ष 2000 से पहले तक भदेल का परिवार भी सामान्य ही था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक द्वारा संचालित सेवा कार्यों से जुड़ कर ही जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाने का कार्य करती थी। वर्ष 2000 में ही जब सरकारी कार्मिक भीमसेन से विवाह हुआ, तब भी अनिता भदेल की कोई खास पहचान नहीं थी, लेकिन विवाह के तुरंत बाद ग्रहों ने ऐसा पलटा खाया कि भदेल को भजन गंज क्षेत्र से ही वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ने का अवसर मिला और पार्षद बनते ही अजमेर नगर परिषद की सभापति बन गई। चूंकि अजमेर दक्षिण क्षेत्र एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, इसलिए 2003 के चुनाव में भदेल को भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का अवसर मिल गया। 2003 में विधायक बनीं तो आज 2023 तक विधायक पद पर बरकरार हैं। भदेल ने राजनीति के हर हालातों में चुनाव जीत कर अपनी काबिलियत प्रदर्शित की है। जो लोग राजनीति में हैं, उन्हें पता है कि एक ही क्षेत्र से लगातार चार बार चुनाव जीतना कितना मुश्किल भरा काम है। मतदाताओं से ज्यादा तो अपनी पार्टी के नेता ही नाखुश हो जाते हैं। लेकिन भदेल अब राजनीति में मंजी खिलाड़ी हो गई हैं, इसलिए उन्हें भी चुनाव जीतने के सारे तौर तरीके आते हैं। उन्हें यह भी पता है कि राजनीति में अपने प्रतिद्वंदी को किस तरह मात दी जाती है। भदेल भाजपा की राजनीति में बड़े नेताओं के साथ संतुलन बनाने में भी माहिर हो गई है। कुछ लोग भदेल को गुस्से वाली राजनेता मानते हैं, लेकिन फिर भी यह कहा जा सकता है कि चार बार विधायक का चुनाव जीतने और एक बार स्वतंत्र प्रभार का मंत्री रहने पर जो घमंड किसी नेता में आ जाता है, वैसा घमंड अनिता भदेल में देखने को नहीं मिलता। दक्षिण क्षेत्र में ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे, जिनके कार्य भदेल ने घर बैठे करवाए हैं। अपने क्षेत्र में पेयजल के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य हो या फिर सड़क निर्माण का, सभी विकास कार्य करवाने में भदेल हमेशा सक्रिय रहती हैं। भजन गंज वाले आवास पर कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति आकर मदद प्राप्त कर सकता है। भदेल की राजनीति की एक खासियत यह भी है कि उन्होंने अपने परिवार के किसी भी सदस्य को उत्तराधिकारी नहीं बनाया है। पति भीमसेन ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति भी ले ली है, लेकिन पत्नी की राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। भीमसेन खुद भी राजनीति से दूर रहना चाहते हैं। अनिता भदेल के एक पुत्र हैं जो अजमेर बांदरसिंदरी स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा है। पुत्र यश को भी माताजी की राजनीति में कोई रुचि नहीं है। मोबाइल नंबर 9829270288 पर भदेल को 51वें जन्मदिन की बधाई दी जा सकती है।
बंदरों को केले:
विधायक भदेल ने 23 दिसंबर को अपने 51वें जन्मदिन पर गौशालाओं में गायों को चारा वितरित किया, वहीं पुष्कर घाटी स्थित डियर पार्क में बंदरों को केले भी खिलाए। इसी दिन नगरा स्थित टोरेंटो समारोह स्थल पर समर्थकों ने भदेल का फूल मालाओं से जबरदस्त स्वागत किया।
S.P.MITTAL BLOGGER (23-12-2022)
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