राजस्थान में सरकार के इशारे पर काम नहीं करने वाले निजी अस्पतालों पर बुलडोजर चलेगा। तो फिर मुख्यमंत्री गहलोत इनकम टैक्स और ईडी की कार्यवाही पर एतराज क्यों करते हैं? सरकार के बुलडोजर से नहीं डरेंगे-डॉक्टर विनय कपूर।
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में राजस्थान के निजी अस्पतालों ने विरोध का जो रुख अपनाया है, उससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खासे नाराज हैं। सीएम गहलोत को ज्यादा नाराजगी इस बात को लेकर है कि निजी अस्पतालों ने उनकी महत्वाकांक्षी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और आरजीएचएस का भी बहिष्कार कर दिया है। यानी 12 फरवरी से प्रदेश के निजी अस्पतालों ने इन दोनों योजनाओं में मरीजों का इलाज फ्री नहीं हो रहा है। निजी अस्पतालों के मालिकों को लाइन पर लाने के लिए सीएम गहलोत ने बिल्डिंग बॉयलॉज का सहारा लिया है। अब राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर के निजी अस्पतालों के भवनों की जांच हो रही है। सब जानते हैं कि निर्मित भवन में बिल्डिंग बॉयलॉज का थोड़ा बहुत उल्लंघन तो होता ही है। जो अस्पताल भवन स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बने हैं, उन पर बुलडोजर भी चलेगा। सीएम गहलोत की इस कार्यवाही से निजी अस्पतालों के संचालकों में हड़कंप मच गया है। निजी अस्पतालों के जो चिकित्सक कल तक हाथों में तख्तियां लेकर सरकार का विरोध कर रहे थे वे अब अपने अस्पताल भवन को अशोक गहलोत के बुलडोजर से बचाने में लग गए हैं। सीएम का इशारा मिलते ही जयपुर के 175 निजी अस्पताल के भवनों की जांच पड़ताल का काम 71 फरवरी से शुरू हो गया है। इससे अस्पताल मालिकों में डर और भय पैदा हो गया है। हो सकता है कि अगले एक दो दिन में निजी अस्पताल फिर से सरकारी योजनाओं का लाभ देने लग जाएं। सीएम गहलोत के बुलडोजर का निजी अस्पताल कैसे मुकाबला करते हैं यत तो दो तीन दिन में पता चलेगा, लेकिन सवाल उठता है कि अशोक गहलोत इनकम टैक्स और ईडी की जांच पड़ताल पर एतराज क्यों करते हैं? आखिर ये दोनों एजेंसियां भी तो बेईमानों को ही पकड़ती है। जब बिल्डिंग बॉयलॉज से निजी अस्पतालों को डराया जा सकता है तो फिर बेईमानों को पकडऩे पर गहलोत को एतराज क्यों होता है? यदि गहलोत का बिल्डिंग बॉयलॉज जनहित से जुड़ा है तो इनकम टैक्स और ईडी की कार्यवाही देश हित से जुड़ी है। यदि इनकम टैक्स और ईडी की कार्यवाही राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए है तो फिर निजी अस्पतालों पर की जा रही कार्यवाही को क्या कहा जाएगा? निजी अस्पतालों को डराने के बजाए समझाइश से काम लिया जाना चाहिए, ताकि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में गरीब और आम व्यक्ति का इलाज हो सके। गरीबों के इलाज के मुद्दे पर निजी अस्पतालों को भी सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।
बुलडोजर से नहीं डरेंगे:
राजस्थान प्राइवेट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. विनय कपूर ने कहा है कि सरकार के बुलडोजर से निजी अस्पताल नहीं डरेंगे। सरकार की यह कार्यवाही द्वेषतापूर्ण है। उन्होंने कहा कि राइट टू हेल्थ बिल में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनकी वजह से चिकित्सकों को अपना अस्पताल चलाना मुश्किल होगा। हमने सैद्धांतिक विरोध जताते हुए सरकार की योजनाओं का बहिष्कार किया। लेकिन सरकार निजी अस्पतालों को डराने और धमकाने का काम कर रही है। हम भविष्य में भी सरकार के रवैये का विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा उग्र आंदोलन होगा जिसकी सरकार ने कल्पना भी नहीं की होगी। जो अस्पताल वर्षों से चल रहे हैं उन पर भी तोडफ़ोड़ की तलवार लटका दी गई है। डॉक्टर कपूर ने कहा कि सरकार में ऐसे अधिकारी बैठे हैं जो प्राइवेट अस्पतालों के प्रति द्वेषता रखते हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (17-02-2023)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 98290715112