धर्मेन्द्र राठौड़ का पुष्कर फेस्टिवल सरकारी प्रोग्राम बना। खुद पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने दूरी बनाई। सीएम गहलोत भी नहीं आएंगे। चुनाव लड़ने के प्रयासों को भी धक्का।
राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की पहल पर पुष्कर में हो रहा इंटरनेशनल होली फेस्टिवल सरकारी प्रोग्राम बन कर रह गया है। चार मार्च को पुष्कर की ब्रह्म वाटिका में हुआ सांस्कृतिक समारोह तो दर्शकों के लिए तरस गया। हालांकि पद्मश्री विद्या शाह ने शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया, लेकिन दर्शकों के नाम पर खुद धर्मेन्द्र राठौड़ और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। पुष्कर आने वाले विदेशी पर्यटक भी कार्यक्रम से दूर रहे और पुष्कर के लोगों ने भी कोई रुचि नहीं दिखाई। 7 मार्च तक चलने वाले चार दिवसीय फेस्टिवल की शुरुआत सरोवर के किनारे महाआरती से हुई। ऐसी महाआरती होटल एसोसिएशन की पहल पर होती ही रहती है, लेकिन चार मार्च को धर्मेन्द्र राठौड़ वाली महाआरती में आम दिनों से भी कम लोग शामिल हुए। राठौड़ होली फेस्टिवल पर पर्यटन निगम का लाखों रुपया खर्च कर रहे हैं, लेकिन इसमें जन भागीदारी नहीं है। ख्याति प्राप्त कलाकारों को बुलाकर लाखों रुपया दिया जा रहा है, लेकिन फिर भी दर्शक नहीं आ रहे हैं। फेस्टिवल के शुरू होने से पहले राठौड़ ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कार्यक्रम में आएंगे। लेकिन पांच मार्च को गहलोत का जो तीन दिवसीय कार्यक्रम घोषित हुआ है, उसमें पुष्कर आने का कोई उल्लेख नहीं है। तय कार्यक्रम के अनुसार सीएम गहलोत पांच मार्च को शाम दिल्ली पहुंचेंगे, एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हो जाएंगे। रात्रि विश्राम मुंबई में करने के बाद 6 मार्च को पुणे जाएंगे। पुणे से जोधपुर पहुंचेंगे और 7 मार्च को अपने गृह जिले जोधपुर में ही धुलंडी का पर्व मनाएंगे। यानी सीएम गहलोत को बुलाने का धर्मेन्द्र राठौड़ का दावा धरा रह गया है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी पर्यटन निगम के पुष्कर फेस्टिवल से दूरी बना रखी है। बताया जाता है कि विश्वेंद्र सिंह तो पुष्कर के प्रोग्राम से खुश नहीं है। सिंह के समर्थक पुष्कर के कार्यक्रम को राजनीतिक मकसद वाला मान रहे हैं। अजमेर जिले में कांग्रेस के दो विधायक रघु शर्मा और राकेश पारीक है। ये दोनों विधायक भी प्रोग्रामों में शामिल नहीं हो रहे हैं। चार मार्च को प्रभारी मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय अजमेर में ही थे, लेकिन मालवीय भी राठौड़ के प्रोग्राम में शामिल नहीं हुए। सब जानते हैं कि धर्मेन्द्र राठौड़ पुष्कर से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। राठौड़ को उम्मीद है कि सीएम गहलोत के प्रभाव से कांग्रेस का टिकट तो मिल ही जाएगा, लेकिन राठौड़ को पुष्कर में कांग्रेस का ही साथ नहीं मिल रहा है। पुष्कर के अधिकांश कार्यकर्ताओं ने भी राठौड़ से दूरी बना रखी है। पुष्कर की पूर्व विधायक श्रीमती नसीम अख्तर तो राठौड़ से बेहद खफा है। जानकार सूत्रों के अनुसार राठौड़ की गतिविधियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को एक पत्र भी लिखा है। नसीम अख्तर कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, लेकिन उन्होंने भी राठौड़ के फेस्टिवल से दूरी बना रखी है। राठौड़ ने अपने समर्थन में समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन भी प्रकाशित करवाए, लेकिन फिर भी फेस्टिवल को समर्थन नहीं मिल रहा है। अलबत्ता गली कूचां के वे नेता खुश हैं जिनके फोटो अखबारों में छप रहे हैं। राठौड़ के चुनाव लड़ने की लालसा से ऐसे नेताओं की मौज हो गई है, लेकिन ऐसे नेता भीड़ जुटाने में असमर्थ है।
S.P.MITTAL BLOGGER (05-03-2023)
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