राजस्थान में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिला तो जाट समुदाय आंदोलन करेगा। चुनाव से पहले जाटों ने भरी हूंकार। मंच पर भाजपा और कांग्रेस के नेता एक साथ।
राजस्थान में आठ माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव को देखते हुए अनेक जातियों ने राज्य सरकार पर अपनी अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसी दबाव की नीति के अंतर्गत पांच मार्च को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में प्रदेश के जाट समुदाय का महाकुंभ हुआ। इस महाकुंभ में प्रदेश भर के जाट समुदाय के लोगों ने भाग लिया। जाट नेता राजाराम मिल और विजय पूनिया की पहल पर हुए इस महाकुंभ में दावा किया गया कि दस लाख लोग भाग ले रहे हैं। महाकुंभ में शामिल लोगों की संख्या पर कयास लगाए जा सकते हैं, लेकिन विद्याधर नगर का स्टेडियम पांच मार्च को खचाखच भरा नजर आया। यह महाकुंभ दोपहर 12 बजे शुरू हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। महाकुंभ में कहा गया कि यदि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया तो जाट समुदाय बड़ा आंदोलन करेगा। मौजूदा समय में ओबीसी को 21 प्रतिशत आरक्षण है। लेकिन जाट समुदाय का कहना है कि ओबीसी वर्ग की जितनी आबादी है उसके अनुरूप 21 प्रतिशत आरक्षण कम है। इससे ओबीसी वर्ग के युवाओं को नुकसान हो रहा है। आबादी के अनुपात के हिसाब से ही ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना जरूरी है। मंच पर भाजपा और कांग्रेस के नेता एक साथ नजर आए। सभी ने ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर सहमति जताई। जाट समुदाय के अनेक प्रतिनिधियों ने अपने अंदाज में सरकार को चेतावनी भी दी। कहा गया कि जाट समुदाय कृषि से जुड़ा हुआ है और मेहनतकश श्रमिक की श्रेणी में आता है। अब जब जाट समुदाय के युवा पढ़ रहे हैं तब उन्हें रोजगार प्राप्ति के लिए आरक्षण जरूरी है। महाकुंभ के बहाने प्रदेश के जाट नेताओं ने एकजुटता भी दिखाई है। मंच पर राज्य सरकार के मंत्री हेमाराम चौधरी, बृजेंद्र ओला आदि नजर आए तो वहीं केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आदि भी नजर आए। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने बड़ी संख्या में महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। सभी नेताओं ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर सहमति दी। महाकुंभ के प्रमुख आयोजक राजाराम मिल और विजय पूनिया ने कहा कि जब इतने बड़े नेता और मंत्री मौजूद हैं तब ओबीसी वर्ग की मांग स्वीकार की जानी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर चुके हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि ओबीसी वर्ग में जाट के अलावा अन्य जातियां भी हैं, लेकिन आरक्षण का सबसे ज्यादा फायदा जाट समुदाय के युवाओं को है। इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य जातियां शैक्षणिक दृष्टि से कमजोर है इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में जाट समुदाय के युवा अपनी योग्यता दिखाने में सफल होते हैं। यदि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है तो इसका फायदा भी सबसे ज्यादा जाट समुदाय के युवाओं को ही मिलेगा।
S.P.MITTAL BLOGGER (05-03-2023)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511