रमेश सोनी का अजमेर शहर भाजपा का जिला अध्यक्ष बनने का मतलब है-अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी के सामने टिकट मांगने वाले भाजपाइयों को झटका।
अजमेर शहर के जो भाजपा नेता अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी का टिकट कटवाने में लगे हुए थे, उन्हें रमेश सोनी के शहर भाजपा जिलाध्यक्ष बनने से झटका लगा है। जिस 75 वर्ष की उम्र का हवाला देकर देवनानी का टिकट कट वाया जा रहा था, उसी 75 वर्ष के अनुभव से देवनानी ने अपने विरोधियों को एक झटके में चित कर दिया है। रमेश सोनी को जिलाध्यक्ष बनना कर देवनानी ने यह प्रदर्शित किया है कि मौजूदा समय में अजमेर में राजनीति में उनसे बड़ा कोई खिलाड़ी नहीं है। सब जानते हैं कि रमेश सोनी का मतलब वासुदेव देवनानी ही है। लेकिन इसे देवनानी की राजनीतिक कुशलता ही कहा जाएगा कि सोनी के अध्यक्ष बनने पर किसी भी स्तर पर विरोध नहीं है। अजमेर दक्षिण की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल का कहना है कि रमेश सोनी के अध्यक्ष बनने से भाजपा को और मजबूती मिलेगी। क्योंकि सोनी लंबे समय से संगठन से जुड़े हुए हैं। भदेल ने सोनी की नियुक्ति का स्वागत किया है। वहीं शहर जिलाध्यक्ष के प्रबल दावेदार पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का कहना है कि संगठन का निर्णय सर्वोपरि है और वैसे भी वे अभी भाजपा के स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष हैं। गहलोत ने भी सोनी की नियुक्ति का स्वागत किया है। सोनी की नियुक्ति पर खुद देवनानी का कहना है कि संगठन ने एक कर्मठ और पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ता पर भरोसा जताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सोनी भरोसे पर खड़े उतरेंगे। संगठन की सभी कार्यकर्ताओं के कामकाज पर नजर होती है। आने वाले दिनों में सक्रिय कार्यकर्ताओं को प्रदेश स्तर पर काम करने का अवसर मिलेगा। शहर जिलाध्यक्ष की दौड़ में धर्मेन्द्र गहलोत के अलावा पूर्व डिप्टी मेयर संपत सांखला, पूर्व जिलाध्यक्ष अरविंद यादव, पूर्व पार्षद जेके शर्मा, आनंद सिंह राजावत आदि भी शामिल थे, लेकिन इन दावेदारों के पैरो कार देवनानी की कुशल राजनीति के सामने कमजोर साबित हुए। देवनानी ने अपनी राजनीतिक कुशलता से अपने सबसे भरोसेमंद पार्षद रमेश सोनी को जिलाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करवा दिया है। अब जब विधानसभा चुनाव में मात्र आठ माह शेष रह गए हैं, तब रमेश सोनी की नियुक्ति करवा कर देवनानी ने अजमेर की राजनीति में बड़ा धमाका किया है। जब रमेश सोनी की नियुक्ति सर्व सम्मति से बिना किसी विरोध के करवाई जा सकती है तब देवनानी पांचवीं बार अजमेर उत्तर से भाजपा के उम्मीदवार क्यों नहीं बन सकते? देवनानी का टिकट कटवाने में लगे कुछ नेता उत्तर क्षेत्र में सिर्फ बैनर फ्लैक्स आदि ही लगाने में लगे रहे और देवनानी ने जिलाध्यक्ष के पद को अपने पास रख लिया। यदि जिलाध्यक्ष की राय भी शामिल की गई तो रमेश सोनी विधानसभा चुनाव में उत्तर से सिर्फ वासुदेव देवनानी के नाम पर ही सहमति देंगे। अपनी नियुक्ति से रमेश सोनी भी बेहद उत्साहित हैं। सोनी के कार्यकाल में विधानसभा के चुनाव ही नहीं बल्कि लोकसभा के चुनाव भी होंगे। ऐसे में भाजपा की राजनीति में रमेश सोनी का कद काफी ऊंचा होगा। रमेश सोनी की नियुक्ति बताती है कि राजनीति में किसी एक नेता का संरक्षण जरूरी है। सोनी ने देवनानी के प्रति जो वफादारी दिखाई, वह फलदायी रही है। विरोधी माने या नहीं, लेकिन सोनी की जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्ति वासुदेव देवनानी की पांचवीं बार की दावेदारी को और मजबूत करेगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-03-2023)
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