आईएएस और आईपीएस की गुंडाई पर जाति की राजनीति नहीं हो। अफसरों के निलंबन पर सीएम गहलोत को आईएएस एसोसिएशन का साथ मिला। सचिव डॉ. समित शर्मा की प्रेरणादायक पहल। अजमेर विकास प्राधिकरण में कूट कूट कर भरा है भ्रष्टाचार। आयुक्त के निलंबन का भी डर नहीं। दफ्तर में ही रिश्वत लेते गिरदावर को पकड़ा।
प्रशासनिक सुधार नवाचार करने के लिए जाने जाते हैं।
एडीए में भ्रष्टाचार:
अजमेर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार कूट कूट कर भरा है। इस बात की पुष्टि 14 जून को एडीए के गिरदावर प्रवीण तत्ववेदी की गिरफ्तारी है। तत्ववेदी को एसीबी ने दफ्तर में ही बीस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह राशि भूखंड के नियमन को लेकर ली गई। 14 जून को गिरदावर तत्ववेदी ने रिश्वत लेने की हिम्मत तब दिखाई, जब एडीए के आयुक्त गिरधर बेनीवाल के निलंबन को लेकर कार्यालय में सन्नाटा था। तत्ववेदी को इस बात का डर नहीं रहा कि सरकार ने आईएएस तक को निलंबन कर दिया है। आमतौर पर जब किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही होती है तो रिश्वतखोर कार्मिक थोड़ी सतर्कता बरते हैं। लेकिन एडीए में तो भ्रष्टाचार कूट कूट कर भरा है, इसलिए आयुक्त के निलंबन के बाद भी गिरदावर तत्ववेदी ने बीस हजार रुपए की रिश्वत लेने में कोई संकोच नहीं किया। राज्य सरकार ने भूखंडों के नियमन प्रक्रिया को बहुत सरल कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी भ्रष्ट कार्मिक नियमन की एवज में मोटी रकम वसूल रहे हैं। किसी आवासीय कॉलोनी में सौ में से पचास भूखंडों का नियमन कर दिया गया है। लेकिन शेष पचास भूखंड के मालिकों से नियमन की एवज में वसूली हो रही है। बड़े अधिकारी भी रिश्वत खोरी में लिप्त है इसलिए कोई यह पूछने वाला नहीं जब एक ही कॉलोनी में भूखंडों के नियमन कर दिए गए हैं, तो दूसरों के भूखंडों के नियमन का मामला क्यों लटका रखा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-06-2023)
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