मैं तो मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर काम कर रही हूं-निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर। जयपुर हेरिटेज नगर निगम का मेयर किसी को भी बना दो, पर चोरों से पीछा छूट गया-मंत्री खाचरियावास।
राजस्थान की राजधानी जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में एसीबी की छापामार कार्यवाही के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के नेताओं की आपसी लड़ाई चौराहे पर आ गई है। एसीबी ने चार अगस्त को दो लाख रुपए की रिश्वत के मामले में कांग्रेसी मेयर श्रीमती मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को दो दलालों के साथ गिरफ्तार किया था। पट्टा जारी करने की एवज में रिश्वत की राशि मेयर के घर पर ही ली गई। हालांकि राशि दलालों ने ली, लेकिन एसीबी के पास मेयर के पति सुशील गुर्जर की रिकॉर्डिंग हैं, जिसमें रिश्वत की मांग की जा रही है। सरजार ने पांच अगस्त को आधी रात को मुनेश गुर्जर को मेयर पद से निलंबित कर दिया है। निलंबन के बाद मुनेश गुर्जर ने कहा कि मैं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही थी। मुझे एक षडय़ंत्र के तहत फंसाया गया है। हमारी ही पार्टी के कुछ लोग एक महिला मेयर को काम नहीं करने दे रहे। गत वर्ष मेरी बेटी को प्रताड़ित किया गया और इस बार मुझे परेशान किया जा रहा है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मैंने अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी से किया है। मैं नारी जरूर हंू, लेकिन अबला नहीं हंू। सत्य के लिए मैं अंतिम सांस तक लडूंगी। मैंने जब कोई गलत कार्य किया ही नहीं है तो इस्तीफा क्यों दूं। सरकार ने निलंबन की जो कार्यवाही की है उसे भी अदालत में चुनौती दी जएगी। मुझे पता है कि एसीबी भी बिना दबाव के निष्पक्ष जांच करेगी। लेकिन चार अगस्त को एसीबी की कार्यवाही के समय मैं कांग्रेस के धरना प्रदर्शन में शामिल थी। मैं तो शाम सात बजे घर पहुंची, तब एसीबी की कार्यवाही के बारे में पता चला। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आरोपों के संदर्भ में मुनेश गुर्जर ने कहा कि आरोप तो कुछ भी लगाए जा सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि खाचरियावास के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली खाचरियावास के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले मजदूर नगर में 500 पट्टे दिए गए हैं। नगर निगम एक सरकारी दफ्तर है, कोई प्राइवेट दुकान नहीं है। पूरा प्रदेश देख रहा है कि एक महिला को परेशान किया जा रहा है। कुछ लोग चाहते हैं कि मैं उनके इशारे पर काम करुं। ऐसे लोगों को मैं बता देना चाहती हूं कि मेरे पास सुदर्शन चक्रधारी भगवान श्रीकृष्ण हैं। जिन्होंने बड़े बड़े राक्षसों का नरसंहार किया। किसी को घमंड में नहीं रहना चाहिए।
चोरों से पीछा छूटा:
मुनेश गुर्जर के निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अब चोरों से पीछा छूट गया है। खाचरियावास ने कहा कि अब हेरिटेज निगम के किसी भी पार्षद को मेयर बना दिया जाए। उन्होंने कहा कि मैंने ही मुनेश गुर्जर को मेयर बनवाया। पार्षद चुनाव के दौरान मैंने तीन लाख रुपए की आर्थिक मदद भी की, लेकिन मेयर बनने के बाद मुनेश और उसके पति ने मेरी ही खिलाफत शुरू कर दी। ऐसा इसलिए किया गया कि जमकर भ्रष्टाचार किया जा सके। उन्हें पता है कि मैं भ्रष्टाचार को पसंद नहीं करता हंू। जब मैंने विरोध किया तो मेरे खिलाफ ही जहर उगला गया। खाचरियावास ने कहा कि सीएम गहलोत भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करते हैं। यही वजह है कि राजस्थान में बड़े बड़े अधिकारियों को एसीबी ने गिरफ्तार किया है। मुनेश गुर्जर अब स्वयं को ईमानदार होने का दावा करे, लेकिन एसीबी ने जो कार्यवाही की है वह सबूतों के आधार पर है। मेयर के आवास पर रिश्वत का लेन-देन होना बहुत ही शर्मनाक है।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-08-2023)
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