जिन संतों ने अशोक गहलोत को सरकार रिपीट का आशीर्वाद दिया, क्या उन संतों ने गहलोत से सनातन धर्म की रक्षा करने का संकल्प करवाया? तो क्या अशोक गहलोत के दो सिर हैं? कांग्रेस विधायक भरत सिंह ही रावण का पुतला जाएंगे ताकि भ्रष्टाचार की विदाई हो सके। गहलोत जी, वसुंधरा राजे वाले संतों की बात अलग है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 7 सितंबर को चित्तौडग़ढ़ के अनगढ़बावजी स्थित शिरोमणि अमरा भगत जी के मंदिर में रहे। मंदिर में गहलोत की मुलाकात स्वामी अवधेश चैतन्य जी महाराज से हुई। यहां सूरजकुंड आश्रम में इन दिनों करीब दो सौ संत चातुर्मास कर रहे हैं। आश्रम और मंदिर से बाहर आने पर सीएम गहलोत ने कहा कि संतों ने मुझे सरकार रिपीट का आशीर्वाद दिया है। अब मैं जब चौथी बार मुख्यमंत्री की शपथ लूंगा तो सौ, दो सौ संतों को भी शपथ ग्रहण समारोह में बुलाउंगा। स्वामी अवधेश चैतन्य जी और अन्य संतों ने कांग्रेस सरकार के रिपीट होने का आशीर्वाद दिया है, यह बात खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने कही है, इसलिए इस कथन को सही माना जाना चाहिए, लेकिन सवाल उठता है कि जिन संतों ने गहलोत को कांग्रेस सरकार के रिपीट होने का आशीर्वाद दिया, क्या उन्होंने गहलोत से सनातन धर्म की रक्षा करने का संकल्प कराया है? यह सवाल इसलिए उठा है कि कांग्रेस के गठबंधन में शामिल डीएमके नेता और तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही है। उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं और डीएमके के प्रमुख भी हैं। कांग्रेस के सहयोगी दल डीएमके ने सनातन धर्म को खत्म करने वाला जो बयान दिया है, उसका अभी तक भी सीएम गहलोत ने खंडन नहीं किया है। गहलोत की चुप्पी आश्चर्यचकित करने वाली है, क्योंकि यदि 2024 में केंद्र में कांग्रेस गठबंधन वाले इंडिया की सरकार बन गई तो डीएमके तो सनातन धर्म को समाप्त करने वाली कार्यवाही करेगी। 2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम दिसंबर 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा के परिणाम से प्रभावित होंगे। यदि राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होती है तो 2024 में केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने में मदद मिलेगी। जिन संतों ने गहलोत को सरकार रिपीट का आशीर्वाद दिया है, वे अंदाजा लगा लें कि केंद्र में जब इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी, तब सनातन धर्म का क्या होगा? साधु संतों की पहचान तो सनातन धर्म से ही है। यदि डीएमके वाले सनातन धर्म को ही समाप्त कर देंगे तो साधु संतों का क्या होगा? अच्छा होता कि सरकार रिपीट का आशीर्वाद देने से पहले अशोक गहलोत से सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प कराया जाता। बिना संकल्प के आशीर्वाद देना सनातन धर्म की जड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना है। अभी स्वामी अवधेश चैतन्य जी को भी स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने कांग्रेस सरकार के रिपीट वाला आशीर्वाद दिया है या नहीं।
बहुत फर्क है राजे वाले संतों में:
चित्तौडग़ढ़ में संतों के आशीर्वाद के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि 2013 के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी संतों को बुलाया था। इसलिए मैं भी अपने शपथ ग्रहण समारोह में इस बार संतों को बुलाउंगा। गहलोत संतों के आशीर्वाद से लेकर शपथ लेने तक के चाहे जितने दावे करें, लेकिन वसुंधरा राजे वाले संतों और संतों के प्रति श्रद्धा का मुकाबला नहीं हो सकता। वसुंधरा राजे भाजपा से जुड़ी हैं। भाजपा का कोई भी नेता सनातन धर्म को खत्म करने की बात नहीं कहता। उल्टे अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करवा कर सनातन धर्म को मजबूत किया है। भाजपा के सबसे बड़े नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सनातन धर्म के अनुरूप ही आचरण करते हैं। खुद वसुंधरा राजे भी मंदिरों में धोक लगाकर संतों और महंतों से आशीर्वाद लेती हैं। वसुंधरा राजे ने कभी उन नेताओं के साथ मंच साझा नहीं किया जो सनातन धर्म को समाप्त करने की बात करते हैं। वसुंधरा राजे ने तो डीएमके के नेताओं के बयानों का खंडन भी किया है। वसुंधरा राजे की भक्ति भाव को देखते हुए साधु संत वाकई आशीर्वाद देते हैं।
दो सिर?:
कोटा के सांगोद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरत सिंह कुंदनपुर ने प्रदेश की जनता से अशोक गहलोत जिंदाबाद और राजस्थान के गृहमंत्री मुर्दाबाद की आवाज बुलंद करने की अपील की है। भरत सिंह का कहना है कि उन्होंने प्रदेश के खान मंत्री प्रमोद जैन के भ्रष्टाचार के सबूत दिए, लेकिन प्रदेश के गृहमंत्री का संरक्षण होने के कारण भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रदेश में गृह विभाग का प्रभार भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ही है। अब भरत सिंह, अशोक गहलोत के तो जिंदाबाद के नारे लगवाना चाहते हैं, लेकिन गृहमंत्री वाले अशोक गहलोत के खिलाफ मुर्दाबाद की आवाज बुलंद करवाना चाहते हैं। तो क्या भरत सिंह मुख्यमंत्री के दो सिर मानते हैं? भरत सिंह ने यह बयान तब दिया है, जब 12 व 13 सितंबर को सीएम गहलोत कोटा में रहेंगे। इन दो दिनों में कोटा में मंत्रिमंडल की बैठक भी होगी और गहलोत कई कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास भी करेंगे। भरत सिंह ने घोषणा की है कि जब सीएम गहलोत कोटा में रहेंगे तभी भ्रष्टाचार रूपी रावण का पुतला भी जलाया जाएगा। भरत सिंह की इस घोषणा से कांग्रेस पार्टी में खलबली मच गई है।
S.P.MITTAL BLOGGER (08-09-2023)
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