2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान ही वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाने की चर्चा शुरू हो गई थी, इसलिए भाजपा 72 सीटों पर अटक गई। भाजपा के पास लाल डायरी है तो कांग्रेस के पास कैलाश मेघवाल। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के मामले में खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ।
13 सितंबर को फस्र्ट इंडिया न्यूज चैनल पर रात 8 बजे बिग फाइट का जो लाइव प्रोग्राम हुआ, उसमें राजनीतिक विश्लेष के तौर पर मैं भी शामिल हुआ। मेरे साथ भाजपा के निलंबित और मौजूदा समय में चर्चित विधायक कैलाश मेघवाल के साथ साथ कांग्रेस के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी और भाजपा के प्रवक्ता बारहट भी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर सुर्खियों में आए और भाजपा की राजनीति में पूर्व सीएम वसुध्ंारा राजे के समर्थक कैलाश मेघवाल का कहना रहा कि वसुंधरा राजे को राजस्थान की राजनीति से अलग करने का षडय़ंत्र 2018 के विधानसभा चुनाव से ही हो गया थाच् चुनाव के दौरान ही यह चर्चा होने लगी थी कि बहुमत मिलने पर वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। मेघवाल ने कहा कि इन चर्चाओं के कारण ही भाजपा 72 सीटों पर अटक गई। आज पांच साल बाद भी वसुंधरा की उपेक्षा का दौर जारी है। राजे के समर्थकों को भी अलग थलग किया जा रहा है। राजनीतिक दृष्टि से मेघवाल का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है। मेघवाल के इस बयान से पता चलता है कि 2018 में भाजपा की हार में किन लोगों की भूमिका रही। यानी भाजपा और वसुंधरा राजे के बीच मतभेद 2018 में ही हो गए थे। इसमें कोई दो राय नहीं कि मेघवाल की वफादारी पूरी तरह वसुंधरा राजे के साथ है। सूत्रों के अनुसार गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद वसुंधरा राजे ने विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने के लिए कैलाश मेघवाल का नाम प्रस्तावित किया था। यह बात अलग है कि भाजपा हाईकमान ने उपनेता राजेंद्र राठौड़ को नेता की जिम्मेदारी दी।
अब कांग्रेस के पास कैलाश मेघवाल:
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यदि भाजपा लाल डायरी को सामने रख कर कांग्रेस को घेरना चाहती है तो अब कांग्रेस कैलाश मेघवाल आ गए हैं जो किसी भी भाजपा नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा सकते हैं। पहले चरण में मेघवाल ने अपनी ही जाति के केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पर आरोप लगाए हैं। अब तो कैलाश मेघवाल ने भाजपा को ही हराने की घोषणा कर दी। यानी मेघवाल अब कांग्रेस के इशारे पर बयानबाजी करेंगे। मेघवाल का कहना है कि भले ही उनकी उम्र 90 वर्ष हो गई हो, लेकिन नाक, कान, आंख दिमाग आदि अंग सही तरीके से काम कर रहे हैं, इसलिए उम्र का शरीर पर कोई असर नहीं है। भाजपा ने भी आरोप लगाया है कि कैलाश मेघवाल अब कांग्रेस के साथ हैं। भाजपा लाल डायरी को लेकर जब भी कांग्रेस के भ्रष्टाचार को उजागर करेगी, तब कांग्रेस भी कैलाश मेघवाल को आगे कर देगी। मालूम हो कि आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ द्वारा लिखी तीन डायरियां ईडी ने जब्त कर रखी हैं। इन डायरियों में राठौड़ ने कांग्रेस और सरकार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें लिख रखी हैं। इन बातों से करोड़ों के लेन देन का आभास होता है।
खोदा पहाड़ निकली चुहिया:
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली कहावत चरितार्थ हुई है। कैलाश मेघवाल ने ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया जो अर्जुन राम मेघवाल के मंत्री पद के दुरुपयोग से संबंधित हो। चूरू के जिला कलेक्टर रहते हुए भूमि आवंटन के मामले में भी पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी है। पुष्कर के किसी संत को टिकट दिलवाने की एवज में डेढ़ करोड़ रुपए लेने का ऐसा आरोप है जो कोई भी व्यक्ति लगा सकता है। अच्छा होता कि मेघवाल उस संत का नाम भी बताते। कैलाश मेघवाल के सभी आरोप काजगी शिकायतों पर आधारित हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (14-09-2023)
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