जो लोग ताप (गर्मी) से जल रहे हैं उन्हें राम नाम का जाप करना चाहिए-निम्बार्क पीठाधीश्वर श्याम शरण महाराज। रावण और कंस का नहीं आज अयोध्या के राम मंदिर निर्माण वाला सनातन धर्म चाहिए-निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज। अजमेर में दो प्रमुख धर्मगुरुओं ने 100 अरब राम नाम मंत्र वाली पुस्तकों की परिक्रमा की शुरुआत की।
जब पूरे देश में अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की धूम हो रही है, तब 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व पर देश के दो प्रमुख धर्म गुरुओं की गरिमामय उपस्थिति रही। निम्बार्क पीठाधीश्वर श्री श्याम शरण महाराज और निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ने अजमेर के आजाद पार्क पहुंचकर 100 अरब हस्तलिखित राम नाम मंत्र पुस्तिकाओं की परिक्रमा की शुरुआत की। दोनों धर्म गुरुओं ने कहा कि जो लोग सौ अरब राम नाम मंत्र वाली पुस्तिकाओं की परिक्रमा करेंगे वे बहुत भाग्यशाली होंगे। राम नाम जपने मात्र से बड़े बड़े कष्टों का निवारण हो जाता है, तब सौ अरब राम नाम मंत्र की परिक्रमा करने से जीवन सफल और समृद्ध होगा। समारोह में संत श्यामसुंदर शरण, हनुमान राम, रामा कृष्ण देव, साध्वी समदर्शी के साथ साथ जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, सांसद भागीरथ चौधरी, राज्यसभा के पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत, मेयर ब्रज लता हाड़ा, सुनीत दत्त जैन आदि भी उपस्थिति रहे। कार्यक्रम के संयोजक कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि श्रद्धालु 22 जनवरी तक प्रांत 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक परिक्रमा कर सकेंगे।
जलने वाले राम नाम का जाप करें:
आजाद पार्क के धार्मिक समारोह में निम्बार्क पीठ के आचार्य श्री श्याम शरण महाराज ने कांग्रेस के किसी भी नेता का नाम लिए बेगार कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर जो समारोह हो रहा है, उसमें कुछ लोगों ने जाने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण से जो ताप (गर्मी) निकल रहा है, उससे अनेक लोग जलने लगे हैं। ऐसे लोगों को राम नाम जपना चाहिए ताकि जलने से बच सके। श्याम शरण महाराज ने कहा कि देश के हर सनातनी के लिए यह गर्व और सम्मान की बात है कि अयोध्या में जन्म स्थल पर भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन और समय को लेकर कोई विवाद नहीं है। प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा भगवान राम के लिए हो रही है तो हर दिन और समय शुभ है, जो लोग अयोध्या जाने से इंकार कर रहे हैं, वे स्वयं अपना नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने का निमंत्रण मिला है। वे पूरे उत्साह के साथ 22 जनवरी को अयोध्या में मौजूद रहेंगे।
मंदिर वाला सनातन धर्म:
समारोह में निरंजन पीठ के आचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ने कहा कि सनातन धर्म तो रावण और कंस के समय भी था, लेकिन आज हमें अयोध्या में मंदिर निर्माण वाला सनातन धर्म चाहिए। रावण और कंस के समय सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने वाले काम हुए। बाद में आक्रमणकारियों ने भी भारत के मंदिरों को तोड़कर सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाया, लेकिन आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन गया है। हमें आज के दौर का सनातन धर्म चाहिए, जिसमें नए मंदिरों का निर्माण हो और हमारे पुराने क्षतिग्रस्त मंदिरों का जीर्णोद्धार हो। उन्होंने कहा कि आज देश में सनातन धर्म मजबूत हो रहा है, इसलिए काशी विश्वनाथ और उज्जैन में महाकाल मंदिर का नवीनीकरण भी हुआ है। स्वामी प्रज्ञानानंद ने कहा कि अयोध्या में एक मंदिर निर्माण से पूरा देश राममय हो गया है, इससे हमें राम नाम के महत्व को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए ताकि सनातन धर्म मजबूत बना रहे। उन्होंने माना कि आज देश में कुछ ऐसी ताकतें सक्रिय हैं जो सनातन धर्म को कमजोर करना चाहती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-01-2024)
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