बंगाल में टीएमसी और पंजाब में आम अकेले दम पर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। बिहार में नीतीश कुमार का फिर हो रहा हृदय परिवर्तन। पंजाब में भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन के प्रयास। यूपी, एमपी, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में भाजपा की एकतरफा जीत की उम्मीद। मोदी पर रामजी की कृपा बरसना शुरू। जसवंत दारा ने बनाया सटीक और मजेदार कार्टून।

कांग्रेस की पहल पर विपक्षी दलों का इंडी गठबंधन इसलिए बनाया गया ताकि लोकसभा चुनाव में भाजपा और मोदी को हराया जा सके। गठबंधन का उद्देश्य पूरे देश में भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करना था, ताकि विपक्ष के वोटों का बंटवारा न हो। लेकिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पीएम मोदी ने जो 11 दिनों तक कठोर तप किया, उससे अब मोदी पर रामजी की कृपा बरसना शुरू हो गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा ने 25 जनवरी को पश्चिम बंगाल में की सीमा प्रवेश किया। चूंकि बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी की सरकार है और टीएमसी भी इंडी गठबंधन में शामिल है, इसलिए राहुल गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार कन्हैया कुमार (जेएनयू वाला) को उम्मीद थी कि बंगाल की सीमा पर टीएमसी के कार्यकर्ता भी स्वागत करेंगे, लेकिन राहुल के बंगाल में प्रवेश करने से पहले ही 24 जनवरी को सीएम ममता बनर्जी ने घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी बंगाल में अकेले दम पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। ममता ने कहा कि मैंने कांग्रेस को सीट शेयरिंग का जो प्रस्ताव दिया था उसे स्वीकार नहीं किया गया, इसलिए अब हम सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे। ममता की इस घोषणा से बंगाल में विपक्ष के वोटों को एकजुट रखने का काम खत्म हो गया है। अब बंगाल में टीएमसी के खिलाफ कांग्रेस और वामपंथी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे। 2019 में बंगाल में भाजपा को 18 सीटें मिली थी और अब भाजपा का प्रयास है कि 30 से ज्यादा सीटें हासिल की जाए। ममता  की इस घोषणा से इंडी गठबंधन में टीएमसी के शामिल रहने का कोई मतलब नहीं है। ममता बनर्जी की तरह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी घोषणा कर दी है कि पंजाब की सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार खड़े होंगे। बड़ी अजीब बात है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सीटों की शेयरिंग के लिए कांग्रेस के नेताओं से वार्ता कर रहे हैं तो वहीं पंजाब में सीएम भगवंत मान अपनी ढपली अलग से बजा रहे हैं। यदि पंजाब में आप अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी तो फिर आप का इंडी गठबंधन में शामिल रहने का कोई मतलब नहीं है। 
नीतीश का हृदय परिवर्तन?:
बिहार के समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मोदी सरकार द्वारा भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सराहना की है। नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी भी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया। नीतीश का निशाना लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर था। नीतीश कुमार मौजूदा समय में भी लालू की आरजेडी के समर्थन से मुख्यमंत्री है, लेकिन तेजी से बदलते राजनीतिक हालातों में नीतीश कुमार का एक बार फिर हृदय परिवर्तन हो रहा है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार और उनका जेडीयू लालू के परिवार से अलग हो जाएगा। हो सकता है कि भाजपा और जेडीयू मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़े। नीतीश कुमार अब किस दल के साथ गठबंधन कर रहे हैं यह बिहार की राजनीति में कोई मायने नहीं रखता। 
एकतरफा जीत की उम्मीद:
एक और विपक्षी दलों का इंडी गठबंधन बिखरता जा रहा है तो वहीं यूपी, एमपी, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात आदि राज्यों में भाजपा और मोदी की एक तरफा जीत की उम्मीद जताई जा रही है। 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर इन राज्यों में उत्साह और उमंग का जो माहौल देखने को मिला उससे भी प्रतीत हो रहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को एक तरफा जीत मिलेगी। भाजपा इस माहौल को बनाए रखने के लिए ही अब स्पेशल ट्रेन चलाकर लोगों को अयोध्या में रामलला के दर्शन करवा रही है। भाजपा का यह अभियान 25 मार्च तक चलेगा। 
दारा का कार्टून:
इंडी गठबंधन में जो बिखराव हो रहा है, इसको लेकर राजस्थान के मशहूर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने सटीक और मजेदार कार्टून बनाया है। इस कार्टून को मेरे फेसबुक पेज  www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। इस कार्टून के लिए मोबाइल नंबर 9828054045 पर दारा की हौसला अफजाई की जा सकती है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (25-01-2024)

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