तो धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर में कांग्रेस को मजबूत करने में जुटे हैं। डॉ. बाहेती और वाजिद चीता की वापसी इसके उदाहरण है।
आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक धर्मेन्द्र राठौड़ लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अजमेर में कांग्रेस को मजबूत करने में लगे हुए हैं अपने विरोधियों की परवाह किए बगैर राठौड़ चाहते हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी की जीत हो जाए। इसे राठौड़ की रणनीति ही कहा जाएगा कि 31 मार्च को जयपुर में कांग्रेस के वार रूम में पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती ओर वाजिद चीता को फिर से कांग्रेस में शामिल किया गया है। यदि धर्मेन्द्र राठौड़ रणनीति नहीं बनाते तो इन दोनों को कांग्रेस में शामिल नहीं किया जा सकता था। वाजिद चीता और कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी के बीच 36 का आंकड़ा रहा है। वाजिद चीता की वजह से ही चौधरी मसूदा से विधायक नहीं बन सके। लेकिन राठौड़ ने दोनों के बीच दूरियां समाप्त करवाई और चीता को कांग्रेस में शामिल करवाने में चौधरी की सहमति करवाई। चीता का कांग्रेस में शामिल होना इसलिए महत्वपूर्ण है कि हाल ही के विधानसभा चुनाव में चीता ने मसूदा से बसपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और तीस हजार वोट हासिल किए। कांग्रेस प्रत्याशी राकेश पारीक की हार के कारण वाजिद चीता ही रहे। स्वाभाविक है कि अब जब चीता कांग्रेस में शामिल हो गए है तो इसका फायदा रामचंद्र चौधरी को मिलेगा। डॉ. बाहेती ने भी पुष्कर से विधानसभा का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था। डॉ. बाहेती का मसकद भी कांग्रेस उम्मीदवार श्रीमती नसीम अख्तर को हराया था। वाजिद चीता की तरह डॉ. बाहेती भी अपने मकसद में सफल हुए। डॉ. बाहेती को कांग्रेस में फिर से शामिल करने पर भले ही श्रीमती नसीम अख्तर की सहमति नहीं हो, लेकिन धर्मेन्द्र राठौड़ ने अपनी चतुराई से डॉ. बाहेती को भी शामिल करवा दिया। इसमें कोई दो राय नहीं कि राठौड़ अपनी रणनीति से अजमेर में कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे है। यह बात अलग है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक राठौड़ की गतिविधियों से नाराज है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता, नसीम अख्तर, राकेश पारीक जैसे नेता राठौड़ को सहयोग नहीं कर रहे हैं। राठौड़ का प्रयास है कि भाजपा के जो असंतुष्ट नेता है उन्हें भी कांग्रेस की सदस्यता दिलाई जाए। भाजपा के नाराज नेताओं पर राठौड़ की नजर लगी हुई है। यहां उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अजमेर एकमात्र ऐसा जिला है, जहां शहर और देहात कांग्रेस के अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हुई है। अभी तक भी निलंबित अध्यक्षों से ही काम चलाया जा रहा है। लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि धर्मेन्द्र राठौड़ जिले में कांग्रेस की कमान संभाल ली है।
राठौड़ का आभार जताया:
31 मार्च को जयपुर स्थित कांग्रेस के वार रूम में हुए एक संक्षिप्त समारोह में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने डॉक्टर बाहेती और वाजिद चीता की घर वापसी करवाने के लिए धर्मेन्द्र राठौड़ के प्रति आभार जताया। डोटासरा ने कहा कि राठौड़ के प्रयासों से ही इन दोनों बड़े नेताओं की वापसी हुई है। डोटासरा ने कहा कि डॉ. बाहेती और चीता के आने से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-04-2024)
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