बाबा रामदेव और बालकृष्ण पर सुप्रीम कोर्ट की तलवार। संजय सिंह को भी जमानत मिली। कांग्रेस को अब तो मानना चाहिए कि भारत की न्याय प्रणाली दबाव में नहीं है। सरकार की वैक्सीन और स्वयं की कोरोना इलाज की दवा वाला बाबा रामदेव का वीडियो फेसबुक पेज पर देखें। तो फिर सीकर में कांग्रेस वाम दल उम्मीदवार अमराराम को जिताने का काम क्यों कर रही है।?
2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के जज अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस हिमा कोहली ने पतंजलि के प्रमुख बाबा रामदेव और बालकृष्ण का माफीनामा स्वीकार नहीं किया है। कोर्ट ने कहा है कि बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने अपनी दवाओं को लेकर जो भ्रामक प्रचार किया वह माफी योग्य नहीं है। हालांकि 2 अप्रैल को कोर्ट में बाबा रामदेव और बालकृष्ण उपस्थित रहें, लेकिन दोनों जजों ने कोई नरमी नहीं दिखायी। कोर्ट ने 10 अप्रैल को दोनों को फिर से बुलाया है। सुप्रीम कोर्ट की इस कार्यवाही से पतंजलि उद्योग में खलबली मच गई है। इसी तरह 2 अप्रैल को ही सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और वीबी बराले ने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को भी जमानत दे दी है। संजय सिंह दिल्ली के बहुचर्चित शराब घोटाले में पिछले 6 माह से जेल में बंद थे। बाबा रामदेव और संजय सिंह के मामले बताते है कि भारत की न्याय प्रणाली किसी के भी दबाव में नहीं है। मालूम हो कि 31 मार्च को दिल्ली में विपक्षी दलों की रैली में आरोप लगाया गया कि भारत मैं लोकतंत्र खतरे में क्योंकि सरकारी जांच एजेंसियां और सुप्रीम कोर्ट तक दबाव में काम कर रहा है। लोकतंत्र के खतरे का मुद्दा कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया । अब जब 2 अप्रैल वेल को बाबा रामदेव और संजय सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय सामने आए तो कांग्रेस को कहना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट पर कोई दबाव नहीं है। सब जानते हैं कि बाबा रामदेव का रुख केन्द्र की मोदी सरकार के पक्ष में है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव के रुख को नजरअंदाज कर निष्पक्ष निर्णय दिया है। यह सही है कि यदि बाबा रामदेव एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की आलोचना करेगें तो देश के करोड़ों लोगों का भरोसा टूटेगा। शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी पर कहा गया कि केंद्र की मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल को संजय सिंह को जमानत दे दी। अब संजय सिंह जेल से बाहर आकर लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रचार.प्रसार कर सकेगें। यानी सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी को कुचलने से बचा लिया है।
सीकर में कांग्रेस का उल्टा काम:
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र में नामांकन दाखिल कर दिया। राहुल गांधी का मुकाबला भारतीय कम्रूूनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और मुस्लिम लीग की संयुक्त उम्मीदवार एनी राजा से है। ऐनी राजा सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा की पत्नी है। इसे कांग्रेस का विरोधाभास ही कहा जाएगा कि वाम दल वायनाड में राहुल गांधी को हराने का काम कर रहे है तो राजस्थान के सीकर में कांग्रेस वाम दल के उम्मीदवार अमराराम चौधरी को जिताने का काम कर रही है। राजस्थान में कांग्रेस ने सीकर की सीट वाम दल को समझौते में दी है
वीडियो फेसबुक पर :
कोरोना संक्रमण के दौरान जब करोड़ों लोग वैक्सीन लगवा रहे थे, तब बाबा रामदेव अपनी पतंजलि दवाओं का प्रचार कर रहे थे। तब बाबा ने वैक्सीन को एक बड़ा घोटाला बताया था। बाबा का कहना रहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों की मृत्यु हो रही है, जबकि उनकी दवाओं से लोग स्वस्थ हो रहे है। बाबा रामदेव का यह वीडियो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (02-04-2024)
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