मुख्यमंत्री वाली कुर्सी पर बैठकर राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया ने मोदी से गुफ्तगू की। किरोड़ी लाल मीणा के कंधे पर हाथ रखा तो मोदी ने अरुण चतुर्वेदी की भी हौसला अफजाई की। पीएम मोदी की सभा में वसुंधरा राजे नजर नहीं आई।

2 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के कोटपूतली (जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र) में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। सभा के मंच पर जो व्यवस्था की गई, उस में मोदी के पास वाली कुर्सी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की थी। लेकिन जब सीएम शर्मा ने भाषण देने के लिए कुर्सी छोड़ी तो खाली हुई कुर्सी पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा समय में हरियाणा के चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया आकर बैठ गए और पीएम मोदी से संवाद किया। स्वाभाविक है कि पूनिया और राठौड़ पीएम मोदी की सहमति से ही मुख्यमंत्री वाली कुर्सी पर बैठे। यदि मोदी की सहमति नहीं होती तो यह दोनों नेता अपनी मर्जी से कुर्सी पर नहीं बैठ सकते थे। पीएम से सीधे संवाद के बाद दोनों नेता गदगद है। इसी मंच पर मोदी ने प्रदेश के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के कंधे पर हाथ रखा और वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी की हौसला अफजाई की। भाजपा में माना जा रहा है कि यह चारों नेता नाराज है। सतीश पूनिया अजमेर से तथा राजेंद्र राठौड़ राजसमंद से लोकसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, लेकिन ऐन मौके पर पूनिया को हरियाणा का चुनाव प्रभारी बना दिया गया। इसी प्रकार राठौड़ की जगह महिमा कुमारी को राजसमंद से उम्मीदवार घोषित किया गया। अब राठौड़ चूरू से भाजपा के उम्मीदवार देवेंद्र झाझरिया को जिताने की जिम्मेदारी डाली गई है। इसी प्रकार किरोड़ी मीणा अपने भाई को दौसा से उम्मीदवार बनवाना चाहते थे। अरुण चतुर्वेदी की जयपुर शहर से दावेदारी थी, लेकिन 2 अप्रैल को पीएम मोदी ने अपनी राजनीतिक कुशलता से इन चारों नेताओं को खुश कर गए है। कहा जा सकता है कि अब इन नेताओं के मन में निराशा का भाव नहीं है। लोकसभा चुनाव में यह चारों नेता पूरी ताकत से भाजपा को जिताने का काम करेंगे। इन चोरों नेताओं को भरोसा हो गया है कि उनका राजनीतिक भविष्य पीएम मोदी के हाथों में सुरक्षित है। 
राजे नजर नहीं आई:
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान में पीएम मोदी की 2 अप्रैल को कोटपूतली में हुई पहली चुनावी सभा थी, लेकिन इस सभा में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे नजर नहीं आई। जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे पीएम की अधिकांश सभाओं में उपस्थित रही थी। राजे की गैर मौजूदगी भाजपा में चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल को दिल्ली में चुनाव घोषणा कमेटी की बैठक में भी राजे अनुपस्थित रही। जबकि राजे इस कमेटी की सदस्य है। राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह बारां-झालावाड़ से लगातार पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (03-04-2024)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...