कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी सीट पर भी उम्मीदवार नहीं मिल रहे। 3 मई नामांकन की अंतिम तिथि। सपा से समझौते में ली है दोनों सीटें। आखिर राहुल और प्रियंका चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा रहे?
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए 20 मई को मतदान होना है। पांचवें चरण में जिन 49 सीटों पर मतदान होना है। उनमें उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट भी शामिल हैं। इन दोनों सीटों पर नामांकन की अंतिम तिथि 3 मई है, लेकिन एक मई तक भी रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हुई है। कांग्रेस के लिए यह दोनों सीटें गांधी परिवार की परंपरागत सीटें हैं। 2019 तक रायबरेली से श्रीमती सोनिया गांधी और अमेठी से राहुल गांधी उम्मीदवार रहे। चूंकि यह दोनों सीटें कांग्रेस की परंपरागत सीट है, इसलिए कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से समझौते में यह दोनों सीटें ली है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं, इनमें कांग्रेस ने समझौते में सपा से 17 सीटें ली है। एक ओर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा की आधी सीटें ही रह जाएंगी, यानी भाजपा को मात्र 150 सीट मिलेगी, लेकिन इस दावे के विपरीत राहुल गांधी अपनी पार्टी की परंपरागत सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पा रहे है। मालूम हो कि सोनिया गांधी ने लोकसभा का चुनाव लडऩे से पहले ही मना कर दिया था, इसलिए उन्हें राजस्थान से राज्यसभा का सांसद बनवा दिया गया। सोनिया गांधी के चुनाव न लड़ने पर प्रियंका गांधी को रायबरेली से उम्मीदवार बनाने की चर्चा हुई। इसी प्रकार राहुल गांधी को अमेठी से भी उम्मीदवार बनाने की चर्चा अभी तक चल रही है। लेकिन नामांकन की अंतिम तिथि से दो दिन पहले तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं होने से प्रतीत होता है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी कांग्रेस की परंपरागत सीटों से चुनाव नहीं लड़ेंगे। राहुल गांधी ने गत बार अमेठी से भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए। इस बार भी राहुल गांधी केरल के वायनाड से उम्मीदवार है। वायनाड में 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है। पहले कहा गया था कि वायनाड में मतदान हो जाने के बाद राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने की घोषणा करेंगे। रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस किसे उम्मीदवार बनाती है, यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, लेकिन जब कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात करती है, तब राहुल गांधी की उम्मीदवार पर असमंजस होना कई सवाल खड़े करता है। उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में कांग्रेस का एक भी सांसद नहीं है, क्योंकि राज्य सभा का सांसद चुन लिए जाने के बाद सोनिया गांधी का रायबरेली के सांसद का दावा समाप्त हो गया है। लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस रायबरेली और अमेठी की सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पा रही है। जानकार सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी के रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने के कारण रायबरेली में भी कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो गई है। गत बार अमेठी से राहुल गांधी हार चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी से जीत की उम्मीद नजर नहीं आती। प्रियंका गांधी ने अभी तक भी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है। प्रियंका गांधी ऐसी सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहती, जिस पर हार का डर हो। राहुल गांधी भी इसीलिए सांसद रह पाए क्योंकि वायनाड सीट मुस्लिम बाहुल्य है।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-05-2024)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511