लोकसभा का यह चुनाव सनातन धर्म को बचाने के लिए भी है। पीएम मोदी के बयान के बाद राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने राम मंदिर को बचाए रखने की गारंटी नहीं दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सत्ता में आए तो अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर पर बुलडोजर चलवा देंगे। उम्मीद थी कि पीएम मोदी के इ इस बयान के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव राम मंदिर को बचाने रखने की गारंटी वाला बयान देंगे, लेकिन इन दोनों नेताओं ने पीएम मोदी के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे प्रतीत होता है कि लोकसभा का यह चुनाव सनातन धर्म को बचाने के लिए भी है। सब जानते हैं कि लाखों सनातनियों के बलिदान के बाद अयोध्या में राम मंदिर बना। हालांकि मंदिर निर्माण में बाधाएं खड़ी करने में कांग्रेस और सपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इसी मानसिकता के चलते राहुल गांधी और अखिलेश यादव आज तक भी अयोध्या में बने मंदिर में दर्शन करने नहीं गए हैं। इन दोनों नेताओं को लगता है कि राम मंदिर में जाने से मुसलमान मतदाता नाराज हो जाएंगे। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और सपा ने 22 जनवरी को हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया था। जो सोच उत्तर भारत में कांग्रेस और सपा ने प्रदर्शित की है, उसी सोच को दक्षिण भारत में तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने और मजबूती के साथ प्रकट किया है। डीएमके का तो मानना है कि सनातन धर्म को ही नष्ट कर दिया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक आदि राज्यों के हालात किसी से भी छिपे नहीं है। सनातन विरोधी माहौल के चलते देश के दस राज्यों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो गया है। कांग्रेस और अनेक क्षेत्रीय दलों की तुष्टीकरण की नीति का परिणाम ही है कि आज अनेक राज्यों में सनातन धर्म को मानने वाले लोग स्वयं को असुरक्षित मानते हैं। यही वजह है कि लोकसभा के इस चुनाव को सनातन धर्म को बचाने के लिए भी माना जा रहा है। सात चरणों वाले लोकसभा चुनाव के 20 मई को पांच चरण पूरे हो गए हैं। छठे और अंतिम सातवें चरण के लिए 25 मई व 1 जून को मतदान होगा। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हालातों को स्पष्टता के साथ रखा है। धर्मनिरपेक्षता के झंडा बरदारों का कहना है कि मोदी ने इस चुनाव को हिंदू मुस्लिम कर दिया है। इसको लेकर कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा के लेखक, पत्रकार, और साहित्यकार मोदी की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन हकीकत में देखा जाए तो लोकसभा का यह चुनाव सनातन धर्म को बचाने को लेकर है। यदि इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलता है तो सनातन धर्म के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।  

S.P.MITTAL BLOGGER (20-05-2024)
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