ममता ने पश्चिम बंगाल के मुसलमानों को ओबीसी बनाया। हाईकोर्ट ने सरकार के सर्टिफिकेट रद्द किए। हिमाकत! ममता का हाईकोर्ट का आदेश मानने से इंकार। पीएम मोदी ने सही कहा था-एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण काटकर मुसलमानों को दे दिया जाएगा। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद पर दावा ठोंका। राहुल ही पीएम बनेंगे। तो फिर केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत क्यों दी गई?

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार ने मुसलमानों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का जो निर्णय लिया उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट की रोक के आदेश को समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि ममता ने किस तरह से मुसलमानों को आरक्षण का लाभ दिया। राज्य सरकार को ओबीसी वर्ग में जरूरतमंद जातियों को शामिल करने का अधिकार है। इसी के अंतर्गत ममता सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए 42 जातियों को शामिल करने का निर्णय लिया है। इन 42 वर्गों में से 41 जातियां मुस्लिम समुदाय की थी। सरकार के निर्णय के बाद इन 41 मुस्लिम जातियों को भी ओबीसी वर्ग के सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए। इन सर्टिफिकेट के आधार पर हजारों मुस्लिम युवकों ने सरकारी नौकरी प्राप्त भी कर ली। ममता बनर्जी के इस निर्णय पर ही पश्चिम बंगाल हाईकोर्ट के जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेख मंघा की खंडपीठ ने 2010 के बाद बनी ओबीसी सूची को अवैध करार दे दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि आरक्षण की इस कवायद से धर्म विशेष के लोगों को लाभान्वित किया गया। गंभीर बात तो यह है कि ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट के इस आदेश को मानने से इंकार कर दिया। ममता ने यह तो नहीं कहा कि हाईकोर्ट ने भाजपा के इशारे पर आदेश दिया है, लेकिन यह जरूर कहा कि यह शरारती लोग (भाजपा) अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं। हम भाजपा की राय नहीं मानेंगे। मालूम हो कि 2010 के बाद बंगाल सरकार ने नई सूची के अनुरूप ओबीसी के पांच लाख सर्टिफिकेट जारी किए हैं। 
जो कहा वो हुआ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही की चुनावी सभाओं में कहा था कि इंडिया एलायंस यदि सत्ता में आता है तो एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीनकर धर्म के आधार पर मुसलमानों को दे देगा।मोदी ने ो बात कही वहीं ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कर रखी है। ममता भी इंडिया एलायंस में शामिल है। स्वाभाविक है कि इंडिया एलायंस के सत्ता में आने पर पश्चिम बंगाल जैसी नीति देशभर में लागू की जा सकती है। 
पीएम पद पर दावा:
हालांकि अभी लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने नहीं आए हैं, लेकिन कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद पर दावा कर दिया है। कांग्रेस के रणनीतिकार जयराम रमेश ने कहा कि इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलने पर जिस दल के सांसद सबसे ज्यादा होंगे। उसी दल का हक प्रधानमंत्री के पद पर होगा। स्वाभाविक है कि 4 जून के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन में सबसे ज्यादा सांसद कांग्रेस के ही होंगे, क्योंकि कांग्रेस ने ही सबसे ज्यादा उम्मीदवार खड़े किए है। निवर्तमान संसद में भी कांग्रेस के सर्वाधिक 52 सांसद हैं। स्वाभाविक है कि कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद के लिए एक मात्र नाम राहुल गांधी का ही है। 
केजरीवाल को जमानत क्यों?
22 मई को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। सोरेन भूमि घोटाले में जेल में बंद है। सवाल उठता है कि जब कोर्ट ने हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत नहीं दी तो फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत क्यों दी? केजरीवाल पर भी 100 करोड़ रुपए का शराब घोटाला करने का आरोप है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-05-2024)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

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