बिना बरसात के अजमेर का आनासागर फुल। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोजाना कितना गंदा पानी झील में समां रहा है। आखिर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का क्या हुआ?

सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने तय किया है कि अजमेर शहर के बीचों बीच बनी आनासागर झील का डेढ़ फीट पानी कम किया जाए। झील की भराव क्षमता  13 फीट हे और मौजूदा समय में जलस्तर 12.30 फिट है।  विभाग के इंजीनियर झील का जलस्तर 11 फिट करेंगे। इसके लिए 22 जून को चैनल गेट खोलकर झील से पानी की निकासी की जाएगी। बिना बरसात के झील में 12.30 फिट पानी होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आनासागर में कितना गंदा पानी समां रहा है। आनासागर में मल मूत्र युक्त पानी गिरता है, इस बात की पुष्टि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी)में भी की है इसके लिए एनजीटी ने अजमेर नगर निगम पर जुर्माना भी लगाया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में झील के किनारे  ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया। ताकि नालों और सीवरेज का गंदा पानी की शुद्ध कर झील में डाला जाए। लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट के फेल हो जाने के बाद मल मूत्र युक्त पानी यूं ही झील में डाला जा रहा है। झील का जलभराव बताता है कि नीचे कितनी गंदगी जमा है। कहा जा सकता है कि शहर के बीचों बीच बनी यह झील गंदे पानी में तब्दील हो गई है। झील का पानी न केवल प्रदूषित हे बल्कि जहरीला भी। गंभीर बात ताो यह है कि ख्वाजा साहब की दरगाह में आने वाले जायरीन इस झील को धार्मिक दृष्टि देखते हैं। मान्यता के चलते ही जायरीन झील को पवित्र मानते हैं, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि झील में 21 नालों का गंदा पानी गिर रहा है। इस गंदे पानी की वजह से ही आनासागर में जलकुंभी का साम्राज्य है। भले ही निगम ने अभी जलकुंभी को हटा दिया हो, लेकिन आने वाले दिनों में फिर से जलकुंभी उग जाएगी। जानकारों का मानना है कि जब झील के पानी की बड़ी मात्रा में निकाली होगी तो झील में जमा गंदगी ऊपर आ जाएगी। तब फिर से झील जलकुंभी उगने लगेंगी। वहीं सिंचाई विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि झील से पानी की निकासी जरूरी है, क्योंकि बरसात के दिनों में जब अतिरिक्त पानी आएगा तो झील के ओवर फ्लो होने का डर है। बरसात के दिनों में झील का पानी नियंत्रित रह, इसलिए झील को बरसात से पहले खाली किया जा रहा है। शहरवासी जानते है कि 2 हजार करोड़ के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में से सबसे ज्यादा पैसा नागौर झील के सौंदर्य और संरक्षण पर खर्च किया गया। झील के चारों तरफ पाथवे का निर्माण किया गया है, लेकिन इस पाथवे पर खड़े होना मुश्किल है। क्यों गंदगी होने के कारण झील के पानी में बदबू आती हे। लाख कोशिशों के बाद भी मल मूत्र युक्त पानी पर रोक नहीं लगायी जा सकती है 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2024)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...