युद्ध खत्म करने के लिए भारत की मध्यस्थता पर रूस भी सहमत। यूक्रेन ने पहले ही सहमति जता दी थी। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मविश्वास तोड़ दिया है-राहुल गांधी।
पिछले ढाई वर्ष से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच 5 सितंबर को एक राहत भरी खबर सामने आई है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि यदि भारत युद्ध समाप्त करने के लिए मध्यस्थता करता है तो उन्हें स्वीकार है। यानी युद्ध को समाप्त करने में भारत के महत्व को रूस जैसे शक्तिशाली देश ने भी स्वीकार कर लिया है। भारत की मध्यस्थता को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की पहले ही स्वीकार कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी माना कि भारत, रूस और यूक्रेन के युद्ध को समाप्त करवा सकता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस और यूक्रेन की यात्रा की थी। इस यात्रा के बाद ही पुतिन का बयान सामने आया है। मालूम हो कि पुतिन ने पूर्व में शांति के सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया था। पुतिन के 5 सितंबर के बयान से लोगों को अब युद्ध समाप्त होने की उम्मीद है। हो सकता है कि पुतिन और जेलेंस्की की वार्ता से पहले दोनों देशों के प्रतिनिधियों की एक बैठक भारत में हो। पुतिन के ताजा बयान से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के दबदबे का पता चलता है।
आत्म विश्वास तोड़ दिया:
एक ओर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के दबदबे को अमेरिका और रूस जैसे शक्तिशाली देश स्वीकार कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर भारत में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी का कहना है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मविश्वास तोड़ दिया है। 4 सितंबर को ही जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि अब थोड़े ही दिनों में मोदी व भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। राहुल ने कहा कि भाजपा और मोदी जातिगत जनगणना से इंकार करते रहे, लेकिन अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी जातिगत जनगणना पर सहमत हो गया है। मोदी सरकार को लेटरल एंट्री से उच्च पदों पर नियुक्ति वाला फैसला भी वापस लेना पड़ा है। राहुल ने कहा कि अब नरेंद्र मोदी में पहले जैसा आत्मविश्वास नहीं है। राहुल गांधी भले ही मोदी के आत्म विश्वास को तोड़ने का दावा करे, लेकिन सब जानते हैं कि मोदी के आत्मविश्वास के कारण ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया। यही वजह है कि आज राहुल गांधी अनंतनाग में चुनावी रैली कर रहे है। राहुल गांधी स्वयं बताए कि 370 के प्रभावी रहते क्या अनंतनाग में चुनावी रैली संभव थी? जिन नरेंद्र मोदी की वजह से जम्मू कश्मीर में आतंकवाद समाप्त हुआ, उन्हीें मोदी के आत्म विश्वास को तोड़ने की बात राहुल गांधी कर रहे हैं। राहुल की कांग्रेस ने उस नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ चुनावी गठबंधन किया है जो जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली का वादा कर रही है। यानी कांग्रेस भी चाहती है कि जम्मू कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान प्रभारी हो जाए। सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी जम्मू कश्मीर को फिर से आतंक ग्रस्त बनाना चाहते हैं? राहुल गांधी भले ही नरेंद्र मोदी के आत्म विश्वास को तोड़ने की बात कहे, लेकिन देश के करोड़ों लोग अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का श्रेय नरेंद्र मोदी को ही देते हैं। इसे नरेंद्र मोदी का आत्म विश्वास ही कहा जाएगा कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही जा रही है।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-09-2024)
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