आज अहिल्याबाई होलकर के विचारों को मजबूत करने की जरुरत। देश विपरीत हालातों से गुजर रहा है-हनुमान सिंह राठौड़। समाज को भूलने की प्रवृत्ति से बाहर लाने की जरुरत-प्रो. नारायण लाल गुप्ता।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और प्रख्यात चिंतक, लेख हनुमान सिंह राठौड़ का कहना है कि आज देश विपरीत हालातों से गुजर रहा है। इसलिए अहिल्या बाई होलकर के विचारों को मजबूत करने की जरूरत है। 7 दिसंबर को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर अपने युग की वीर मानवी थीं, उन्होंने विपरीत परिस्थिति में धर्म के पथ पर चलते हुए शासन किया। उन्होंने आजीवन लोक कल्याण के व्रत का पालन किया और यही कारण है कि आज तक उन्हें हम लोकमाता के रूप में याद करते हैं। उन्होंने पूरे देश में मन्दिरों, धर्मशालाओं आदि का निर्माण व जीर्णोद्धार किया। इस प्रकार युगपुरुष शंकराचार्य के पश्चात्  भारत राष्ट्र के एकीकरण का अद्भुत कार्य करने वाली वे महान् व्यक्ति थीं। श्री राठौड़ ने कहा कि प्रसिद्धि की चाह न रख कर केवल कर्तव्य निभाने का भाव रखने वाली प्रगतिशील व प्रयोगधर्मी स्वभाव की धनी रानी अहिल्याबाई से आज के समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। वे रानी अवश्य थीं, लेकिन शासन उन्होंने ईश्वर के नाम पर किया। उन्होंने स्त्री कल्याण के लिए जो कार्य किए, उन से ज्ञात होता है कि वे अपने समय की अत्यधिक आधुनिक व न्यायप्रिय स्त्री थीं।
भूलने की प्रवृत्ति से बाहर आए समाज:
संगोष्ठी में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि अहिल्याबाई ने समाज को जागरूक करने के लिए बहुत सारे कार्य किए, लेकिन कालांतर में उनके कार्यों को भुला दिया गया। अब समय आ गया है कि अहिल्या बाई के कार्यों को नए सिरे से समाज के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। समाज को पूर्वजों के कार्यों को भूलने की प्रवृत्ति से बाहर आना चाहिए। उन्होंने अहिल्या बाई के सत्कर्मों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार का आह्वान किया। आज के दौर में यह हमारा प्रथम उत्तरदायित्व है कि हम हमारे गौरवपूर्ण इतिहास को जानें समझें और उस पर विमर्श करें।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर ने अपने उद्बोधन में कहा कि विगत छत्तीस वर्षों से अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जो केजी से लेकर पीजी स्तर तक सेवारत शिक्षकों का सम्पूर्ण विश्व में अनूठा संगठन है, राष्ट्र के हित में  शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज की अवधारणा लेकर रचनात्मक रूप से कार्यरत है। उन्होंने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता नई पीढ़ी को संस्कारित करके राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाने के लक्ष्य को सम्मुख रखकर आजीवन तपस्या करते हैं।
जानकारी देते हुए महासंघ के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. दीपक शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राष्ट्रीय जागरण के महायज्ञ में निरंतर सक्रिय रहने वाला संगठन है। प्रदेश महामंत्री प्रो. सुशील कुमार बिस्सु ने सभी का आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जन्म-जयंती वर्ष पर संगठन की ओर से पूरे देश में शृंखलाबद्ध रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में आज की गोष्ठी आयोजित की गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित थे।  गोष्ठी का शुभारम्भ प्रो.राजेश जोशी द्वारा की गई सरस्वती वंदना से हुआ। संचालन प्रो. लता शर्मा ने किया। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-12-2024)
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