कोई भी सनातनी महाकुंभ में स्नान से वंचित नहीं रहना चाहता, इसलिए प्रयागराज में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़। प्रयागराज की ओर जाने वाले मार्गों पर चार लाख वाहन फंसे। रेलवे स्टेशन बंद। महाकुंभ स्नान के अब 16 दिन शेष है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा स्नान के साथ 10 लाख साधु संतों का कल्पवास प्रवास पूरा होगा।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45 दिवसीय महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व से हुई थी। समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा। यानी 10 फरवरी के बाद महाकुंभ स्नान के 16 दिन शेष हैं। यही वजह है कि प्रयागराज में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ हो गई है। कोई भी सनातनी महाकुंभ में स्नान से वंचित नहीं रहना चाहता है। 10 फरवरी को प्रयागराज आने वाले मार्गों पर करीब चार लाख मोटर वाहन फंसे हुए हैं। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि प्रयागराज में पैर रखने की जगह नहीं है तथा पचास किलोमीटर से भी ज्यादा के मार्गों पर मोटर वाहन जाम में खड़े हैं। श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ में ही देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी 10 फरवरी को अति विशिष्ट व्यवस्था में महाकुंभ का स्नान किया। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ साथ महाकुंभ का स्नान कर रहे हैं। 8 फरवरी को भजनलाल शर्मा (राजस्थान), मोहन यादव (मध्यप्रदेश) ने स्नान किया तो 10 फरवरी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवार के साथ डुबकी लगाई। वीआईपी श्रद्धालुओं के कारण भी आम श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार बार कह रहे है कि प्रयागराज में श्रद्धालुओं के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रयागराज में जाम के हालात देखने को मिल रहे है। प्रशासन का पूरा प्रयास है कि जनवरी को हुई भगदड़ की तरह कोई हादसा न हो। लेकिन श्रद्धालुओं की आवक बताती है कि ट्रैफिक मैनेजमेंट और श्रद्धालुओं का आवागमन सही नहीं हुआ तो विपरीत हालात उत्पन्न हो सकते हैं। प्रयागराज में अब कोई पर्व मायने नहीं रखता। जब समापन में मात्र 16 दिन बचे है, तब सनातनियों के लिए हर दिन पर्व हो रहा है। चूंकि हवाई जहाज और ट्रेनों में जगह नहीं है, इसलिए सभी लोग मोटर वाहनों से ही प्रयागराज पहुंच रहे है। भाजपा का कोई शहर ऐसा नहीं है, जहां के मोटर वाहन प्रयागराज में न हो। बड़े शहरों में तो किराए पर मोटर वाहन ही नहीं मिल रहे। भारत में सनातनियों की संख्या 100 करोड़ आंकी जा रही है। अब तक करीब 45 करोड़ सनातनी महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं। शेष 55 करोड़ सनातनियों में से यदि आधे सनातनी भी प्रयागराज आते हैं तो शेष 16 दिनों में महाकुंभ की भीड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में कम से कम वरिष्ठ नागरिकों को तो महाकुंभ में आने पर विचार करना चाहिए। भीड़ के कारण श्रद्धालुओं को 30 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। 

12 फरवरी को होगा कल्पवास का समापन:
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में कल्पवास माह का विशेष धार्मिक महत्व है। इस कल्पवास की शुरुआत 13 जनवरी से मकर संक्रांति के दिन से हुई थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल्पवास माह का समापन 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के स्नान के साथ होगा। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में करीब दस लाख साधु संत अपने अपने अखाड़े में कल्पवास कर रहे हैं। चूंकि कल्पवास 12 फरवरी को पूरा हो जाएगा इसलिए 13 फरवरी से इन दस लाख साधु संतों की रवानगी भी प्रयागराज से शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि अखाड़ों के शिविरों तक करीब दो लाख वाहन प्रयागराज में आएंगे ताकि साधु संतों को सम्मान पूर्वक ले जाया जाए। मेला क्षेत्र में दो लाख वाहनों का आना भी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (10-02-2025)
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