2028 में होने वाले उज्जैन महाकुंभ की तैयारियां अभी से। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव भी। शिवरात्रि पर महाकाल के दर्शन। भोपाल में जैसलमेर के लोक कलाकार दीना खान की आवाज गुंजी।

महाशिवरात्रि के अवसर पर मुझे पुष्कर स्थित जोगणिया धाम के उपासक भंवरलाल जी के सानिध्य में 27 फरवरी को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ। हालांकि भस्म आरती के बाद महाकाल के दर्शन बेहद मुश्किल थे, लेकिन महाकाल की कृपा ही वजह से ज्योतिर्लिंग के दर्शन सुगमता के साथ हो सके। यह दर्शन इसलिए भी चमत्कारिक रहे कि मेरे साथ भंवरलाल जी जैसे आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य मौजूद थे। मेरे लिए यह खास रहा कि मुझे पिछले छह माह में आदि कैलाश, प्रयागराज में महाकुंभ और उज्जैन में महाकाल के दर्शन का अवसर मिला। उज्जैन में मैंने देखा कि चार वर्ष होने वाले महाकुंभ की तैयारियां अभी से शुरू हो गई है। भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप हरिद्वार प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में प्रत्येक चार वर्ष में एक बार महाकुंभ का आयोजन होता है। प्रयागराज के बाद वर्ष 2028 में 27 मार्च से 27 मई तक उज्जैन में महाकुंभ होगा। इन साठ दिनों की अवधि में 9 अप्रैल से लेकर  मई तक तीन शाही स्नान भी होंगे। उज्जैन में जहां 12 में से एक ज्योर्तिलिंग है वहीं शिप्रा नदी भी बह रही है। यानी उज्जैन के महाकुंभ में श्रद्धालु क्षिप्र नदी में स्नान के बाद ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेंगे। इसलिए प्रयागराज के महाकुंभ के मुकाबले में उज्जैन  के महाकुंभ का ज्यादा महत्व माना जा रहा है। प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मध्यप्रदेश में मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है। उज्जैन में तैयारियां सिंहस्थ महाकुंभ के नाम से ही जा रही है। शिप्रा नदी पर अधिक से अधिक श्रद्धालु स्नान कर सके और फिर सुगमता के साथ महाकाल के दर्शन कर सके। इसके लिए सड़कों के साथ साथ फ्लाई ओवरों का निर्माण भी किया जा रहा है। चूंकि उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है, इसलिए यातायात से लेकर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने की जानकारी मध्यप्रदेश के अधिकारी यूपी से प्राप्त कर रहे हे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निर्देश दिए है कि उज्जैन के महाकुंभ की तैयारियों में कोई कसर न छोड़ी जाए। 2028 के मई माह में जब उज्जैन में महाकुंभ का समापन होगा तो नवंबर में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होंगे। इसके छह माह बाद 2029 में लोकसभा के चुनाव होंगे। यानी उज्जैन के महाकुंभ की गूंज मध्यप्रदेश के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी रहेगी। 

भोपाल में गूंज:
उज्जैन में महाकाल के दर्शन के बाद मुझे भोपाल में पुष्कर स्थित जोगणिया धाम के उपासक और आध्यात्मिक गुरु भंवरलाल जी के बेटी खुशबू के विवाह में शामिल होने का अवसर भी मिला। इस विवाह की खास बात यह रही कि जैसलमेर के लोक कलाकार दीना खान की आवाज पूरे भोपाल में गूंजी। विवाह समारोह में दीना खान को उनकी टीम के साथ खासतौर से बुलाया गया। ठेठ राजस्थानी भाषा में जब दीना खान ने प्रस्तुति दी तो उपस्थित लोग वाह वाह करने को मजबूर हुए। दीना खान ने फिल्मी संगीत का राजस्थानी गायन के साथ शानदार तालमेल बैठाया। यह समारोह भोपाल बाइपास रोड स्थित पांच सितारा रिसोर्ट आमेर ग्रीन में संपन्न हुआ। 

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