अजमेर बंद में वकीलों के गुस्से के सामने धैर्य दिखाने के लिए प्रशासन और पुलिस को शाबाशी मिलनी चाहिए। साथी वकील की हत्या से नाराज वकीलों ने विधानसभा अध्यक्ष देवनानी पर भरोसा जताया। शव के अंतिम संस्कार पर भी बन रही है सहमति।
पुष्कर के वकील पुरुषोत्तम जाखेटिया की हत्या के विरोध में वकीलों ने 8 मार्च को अजमेर ब्यावर केकड़ी पुष्कर नसीराबाद आदि शहरों को बंद कराया। बंद को सफल करने के लिए वकीलों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। मोटे-मोटे डंडे लेकर वकीलों ने सभी शहरों में जुलूस निकाले और जो दुकान खुली मिली उसमें तोड़फोड़ की। अजमेर के पंचशील स्थित सिटी स्क्वायर मॉल में खुले ब्रांडेड शोरूम को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। वैशाली नगर में एक सेलून में कार्यरत कार्मिक की बुरी तरह पिटाई की। वकीलों का कहना रहा कि जब बंद की घोषणा पहले ही कर दी गई थी तब किसी को भी अपनी दुकान नहीं खोलनी चाहिए थी। आम तौर पर तोड़फोड़ करने वालों पर पुलिस कार्यवाही करती है लेकिन 8 मार्च को पुलिस ने कानून को डंडे पर रखने वाले किसी भी वकील के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की। पंचशील से लेकर वैशाली नगर तक की घटना में ऐसे कई अवसर आए जब वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। वैशाली नगर में तो एक पुलिस अधिकारी के साथ छीना झपटी के वीडियो भी वायरल हुए हैं। वैशाली नगर की नाजुक स्थिति को देखते हुए ही घटना के समय ही जिला कलेक्टर लोक बंधु और पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा भी मौके पर पहुंच गई। पूरी आशंका थी कि झगड़ा अब पुलिस और वकीलों के बीच हो जाएगा लेकिन इन दोनों अधिकारियों ने प्रशासनिक सूझबूझ दिखाते हुए झगड़े को टाल दिया। अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने भी प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के धैर्य की प्रशंसा की है। रावत ने कहा कि वकीलों के गुस्से के सामने प्रशासन और पुलिस ने बहुत ही संवेदनशीलता के साथ अपना कर्तव्य निभाया है। इसमें कोई दो राय नहीं की 8 मार्च को प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने बहुत विवेकपूर्ण तरीके से टकराव को टाला। वकीलों के आंदोलन में अक्सर पुलिस और प्रशासन के साथ टकराव हो ही जाता है। इस टकराव के बाद मूल मांग पीछे रह जाती है और वकीलों की ओर से पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग शुरू हो जाती है, लेकिन 8 मार्च के बंद में किसी भी वकील ने प्रशासन और पुलिस के व्यवहार की निंदा नहीं की।
देवनानी पर भरोसा:
साथी वकील की हत्या के बाद उपजे आंदोलन के बीच 8 मार्च की रात को अजमेर के सर्किट हाउस में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और वकीलों के एक प्रतिनिधि मंडल के बीच वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने बताया कि यह वार्ता संतोषजनक रही है। मृतक वकील के परिवार को एक करोड रुपए का मुआवजा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी हत्या के आरोपियों के खिलाफ जल्द ही चार शीट पेश करने जैसी मांगों पर देवनानी ने भी सहमति जताई है। रावत ने कहा कि वकील पुरुषोत्तम जाखेटिया के शव का अंतिम संस्कार किए जाने पर भी सहमति बनी है। परिजन और प्रशासन के बीच लगातार वार्ता हो रही है। जाखेटिया का शव 7 मार्च की सुबह निधन के बाद से ही जेएलएन अस्पताल के मुर्दाघर में रखा हुआ है। रावत ने कहा कि वकील समुदाय भी चाहता है की शव का अंतिम संस्कार सम्मान पूर्वक हो जाए। देवनानी ने भरोसा दिलाया है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से संवाद कर वकीलों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। वहीं पुष्कर के विधायक और कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि उन्होंने भी इस मामले में सीएम भजनलाल शर्मा से बात की है, लेकिन देवनानी की तरह रावत की सक्रियता नजर नहीं आ रही है। देवनानी 8 मार्च को विधानसभा के कार्यक्रमों में व्यस्त रहे लेकिन इसके बाद भी अपने शहर में चल रहे वकीलों के आंदोलन पर गंभीरता से लेते हुए अजमेर आ गए, जबकि सुरेश रावत अभी जयपुर में ही है और अजमेर पुष्कर के वकील लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वकीलों ने स्पष्ट कहा है कि यदि मांगे नहीं मानी गई तो राजस्थान भर में वकीलों का आंदोलन होगा।
S.P.MITTAL BLOGGER (09-03-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511