कांग्रेस में दौड़ने वाले घोड़े (नेताओं ) को बारात वाले घोड़े बना रखा है। इस बयान का अर्थ राहुल गांधी ही समझा सकते हैं। राहुल जी ! बारात में घोड़े नहीं घोड़ियों का उपयोग होता है। कांग्रेस में घोड़े नहीं खच्चर बचे हैं-गौरव वल्लभ

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और मौजूदा समय में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 6 और 7 मार्च को दो दिवसीय गुजरात दौरे में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया। इन संवादों में राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस में दौड़ने वाले घोड़े नेताओं की कमी नहीं है लेकिन ऐसे घोड़े नुमा नेताओं को बारात का घोड़ा बना रखा है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि गुजरात की जनता कांग्रेस से दिशा लेना चाहती है, लेकिन हमारे नेता जनता को सही दिशा दे पा रहे हैं। राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी के नेताओं की तुलना बारात के घोड़े  से क्योंकि इसके बारे में तो राहुल गांधी ही बता सकते हैं लेकिन घोड़े के बारे में जानकारी रखने वालों का कहना है कि भारत में कई नस्ल के घोड़े पये जाते हैं। सवाल यह भी है कि आखिर कांग्रेस में दौड़ने वाले घोड़ो को बारात के घोड़े में कौन इस्तेमाल कर रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे भले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हो लेकिन संगठन में बड़े फैसले खुद राहुल गांधी और उनकी बहन श्रीमती प्रियंका गांधी करती है। गुजरात में कांग्रेस 30 वर्षों से सत्ता से बाहर है।  इसकी जिम्मेदारी भी राहुल गांधी की  है। राहुल गांधी को चाहिए कि जिन दौड़ने वाले घोड़े का इस्तेमाल बारात  में हो रहा है उनका इस्तेमाल गुजरात में भाजपा से मुकाबला करने में किया जाए। राहुल गांधी यदि बारात वाले घोडो को दौड़ने वाला घोड़ा बनाएंगे तो किसी को भी ऐतराज नहीं हो सकता है। राहुल गांधी को संगठन के नेताओं के साथ-साथ स्वयं के बारे में भी स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस नस्ल के घोड़े हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि राहुल गांधी ने गत लोकसभा चुनाव में जो रणनीति बनाई उसी का परिणाम रहा कि कांग्रेस के सांसदों की संख्या 50 से बढ़कर 100 हो गई।
बारात में घोड़े का नहीं घोड़ियों का उपयोग होता है:
राहुल गांधी स्वयं को सनातन धर्म से जुड़ा मानते हैं लेकिन यदि राहुल गांधी को सनातन संस्कृति की परंपराओं का ज्ञान होता तो वह बारात में घोड़े के उपयोग की बात नहीं कहते। सनातन संस्कृति में बारात निकालने की जो परंपरा है उसमें घोड़ियों का उपयोग होता है। यानी दूल्हा घोड़ी पर बैठकर दुल्हन के घर जाता है। वही एक वर्ष पहले तक कांग्रेस के प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ ने राहुल गांधी के घोड़े वाले बयान पर प्रतिक्रिया पर देते हुए कहा है कि कांग्रेस में घोड़े नहीं है। कांग्रेस में तो सिर्फ खच्चर बच्चे हैं। मालूम हो कि राहुल गांधी की कार्यशैली पर आरोप लगाकर ही गौरव वल्लभ ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।

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