शब्द निष्ठा प्रतियोगिता के परिणाम घोषित। साहित्यकार समीक्षक और लेखक डॉ. अखिलेश पालरिया की अनूठी पहल।

डॉ. अखिलेश पालरिया संभवत: देश के एक मात्र साहित्यकार, लेखक और समीक्षक होंगे जो प्रतिवर्ष अपनी पेंशन राशि में से देश भर के लेखकों को पुरस्कार वितरित करते हैं। अजमेर के प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए डॉ. पालरिया गत 11 वर्षों से शब्द निष्ठा प्रतियोगिता आयोजित कर रहे है, इसमें देश भर के लेखकों से प्रविष्ठियां मांगी जाती है। डॉ. पालरिया ने बताया कि शब्द निष्ठा प्रतियोगिता 11 का परिणाम घोषित कर दिया गया है। डॉ. पालरिया ने अजमेर में बीसला पाल स्थित अपने आवास पर एक सभागार बना रखा है और यह सभागार साहित्यिक गतिविधियों के लिए निशुल्क दिया जाता है। डॉ. पालरिया की विभिन्न विधाओं पर अब तक 29 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रतिवर्ष पचास हजार रुपए से भी ज्यादा की राशि दी जाती है। शब्द निष्ठा संस्था की गतिविधियों की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9610510526 पर डॉ. पालरिया से ली जा सकती है।  
शब्द निष्ठा प्रतियोगिता के परिणाम:
(क) कहानी संग्रह-———————–प्राप्त प्रविष्टियाँ: 60 (महिला 44 , पुरुष 16) तीन पुरस्कार प्रत्येक को  5000 : 1.*निर्मला तिवारी, जबलपुर (म.प्र.)* को उनके संग्रह- ‘जो राम रचि राखा’ के लिए। 2.*डाॅ. लता अग्रवाल ‘तुलजा’, भोपाल (म.प्र.)* को उनके संग्रह- ‘हवाई चप्पल वाला हीरो’ के लिए। 3.*भरत चन्द्र शर्मा, बांसवाड़ा (राज.)* को उनके संग्रह- ‘चयनित कहानियाँ’ के लिए।  अगले 7 संग्रह का वरीयता क्रम:1.*कमल कपूर, फरीदाबाद (हरियाणा)* का कहानी संग्रह- ‘उम्र की बिसरी गली’2.*सुमन बाजपेयी, दिल्ली* का कहानी संग्रह- ‘कैनवास के रंग’3.*भगवती प्रसाद द्विवेदी, पटना (बिहार)* का कहानी संग्रह- ‘जिसके आगे राह नहीं’4.*नीरू मित्तल ‘नीर’, (हरियाणा)* का कहानी संग्रह- ‘कोहरे से झाँकती धूप’ 5.*विभा रानी, मुंबई* का कहानी संग्रह- ‘भरतपुर लुट गयो’6.*सुधा जुगरान, देहरादून (उत्तराखंड)* का कहानी संग्रह – ‘मुक्तिबोध’7.*इंजी. आशा शर्मा, बीकानेर (राज.)* का कहानी संग्रह- ‘अगेती फसल’
 (ख) लघुकथा-——————*प्रथम*- (दो को संयुक्त रूप से: प्रत्येक को  2500):*कंचन सक्सेना, जयपुर* (वचन) एवं*दिव्या शर्मा, देहरादून* (सतर्कता)*द्वितीय*- (दो को संयुक्त रूप से: प्रत्येक को  1500):*चंद्रेश छतलानी, उदयपुर* (फिर वही निर्णय) एवं*संतोष सुपेकर, उज्जैन* (भाड़ा)*तृतीय*- (दो को संयुक्त रूप से: प्रत्येक को ₹ 1000):*अंजना मनोज गर्ग, कोटा* (सृजन) एवं*डाॅ. इंदु गुप्ता, फरीदाबाद* (उस बहाने से)
*श्रेष्ठ लघुकथाएँ*- (प्रत्येक को  550):1.*डाॅ. जगदीश पंत, चकरपुर, उधमसिंहनगर*  (भूकंप)2.*डाॅ. आशा शर्मा, जयपुर* (दृष्टिकोण)3.*नीलम राकेश, लखनऊ* (डर)4.*डाॅ. शील कौशिक, सिरसा (हरियाणा)* (सद्गति)5.*हरीश कुमार अमित, गुरुग्राम* (भीड़)6.*रश्मि स्थापक, इंदौर* (जरूरत)7.*सुनील गट्टाणी, बीकानेर* (वारिस) 8.*अनिता रश्मि, राँची* (चहचहाहट नहीं, चीख)9.*मधु जैन, भोपाल* (पापी पेट)10.*पवित्रा अग्रवाल,बेंगलुरु* (हमारे लिए कौन)11.*मनोरमा पंत, भोपाल* (भारत माता ग्रामवासिनी)12.*मदन सैनी, श्री डूंगरगढ़, बीकानेर* (न्याय)13.*कुसुम रानी नैथानी, देहरादून*(अपनापन)14.*प्रतिभा शर्मा, अजमेर* (कटी पतंग)15.*डाॅ. पूजा हेमकुमार अलापुरिया, नवी मुंबई* (कर्तव्य)16.*पंकज शर्मा, अंबाला शहर* (लाभ)17.*गोविंद शर्मा, संगरिया, हनुमानगढ़*(दीवार में द्वार)18.*सोनू कुमारी टेलर, जावला-गोयला, अजमेर* (थपकी) 19.*सुनीता विश्नोलिया, जयपुर*(पीरियड लीव)20.*सुषमा सिन्हा, वाराणसी* (सीख)
लघुकथा के परिणाम में 4 विद्वान निर्णायकों की भूमिका इस प्रकार रही:*मुख्य निर्णायक:*1.श्रीमती सुनीता मिश्रा, भोपाल *सहायक निर्णायक:*1.श्रीमती अनूप कटारिया, जयपुर 2.श्रीमती आशा शर्मा ‘अंशु’, जयपुर 3.श्री सतीश व्यास ‘आस’, भीलवाड़ा(ग) कहानी-—————(दो को संयुक्त रूप से: प्रत्येक को  2500)1.*विनीता राहुरीकर, भोपाल* को उनकी कहानी- ‘इत्र में भीगी हथेलियाँ’ के लिए।2.*नमिता सचान सुंदर, लखनऊ* को उनकी कहानी- ‘विरासत’ के लिए। 

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