इस बार चेटीचंड पर्व पर फोटोग्राफर इंदर चेनानी (नटराज) को भी सिंधु रत्न मिलेगा। अजमेर में फोटो जर्नलिस्ट में वाकई रत्न है इंदर जी।
अजमेर में चेटीचंड पर्व के अवसर पर इस बार फोटो जर्नलिस्ट इंदर चेनानी (नटराज) को भी सिंधु रत्न से सम्मानित किया जाएगा। चेटी चंड समारोह समिति के संयोजक कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि यह सम्मान समारोह 23 मार्च को आयोजित होगा। इस समारोह में सिंधी समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अजमेर के फोटो जर्नलिज्म में इंदर चेनानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब तो मोबाइल से ली गई फोटो भी अख़बारों में छप जाती है, लेकिन 80 के दशक में कैमरे से ली गई फोटो ही अखबारों में छप पाती थी। शुरुआत के दिनों में तो ऑफसेट मशीन पर भी ब्लैक एंड व्हाइट अखबार ही छपते थे। तब फोटो का अपना महत्व होता था। अजमेर में दैनिक नवज्योति अखबार में सबसे पहले ऑफसेट मशीन लगी। तभी से इंदर चेनानी ने प्रेस फोटोग्राफर का काम शुरू किया। इससे पहले इंदर चेनानी नला बाजार स्थित अपने स्टूडियो में दरगाह में आने वाले जायरीन की फोटो खींचते थे। दैनिक नवज्योति से शुरू की गई फोटो जर्नलिज्म की यात्रा आज भी जारी है। उम्र भले ही 84 वर्ष की हो, लेकिन फोटो खींचने का जज्बा कम नहीं हुआ है। चेनानी ने नवज्योति के बाद राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, राष्ट्रदूत, पंजाब केसरी जैसे प्रतिष्ठित अखबारों में लंबे समय तक काम किया। चेनानी इंदर नटराज के नाम से मशहूर हुए। स्टेशन रोड पर उनके स्टूडियो का नाम नटराज स्टूडियो था। चेनानी ने अपने नाम का पहला शब्द और स्टूडियो का नाम जोड़कर इंदर नटराज रख लिया। जब दैनिक नवज्योति अपने चरम पर था, तब इंदर नटराज की भी पत्रकारिता के क्षेत्र में तूती बोलती थी। मुझे यह लिखने में संकोच नहीं कि मेरी पत्रकारिता को आगे बढ़ाने में इंदर चेनानी का विशेष योगदान रहा। जब मैं राष्ट्रदूत अखबार में काम करता था। तब मेरे लिखने का स्थान चेनानी का नटराज स्टूडियो ही रहा। उस समय कागज पर खबर खिलकर रोडवेज बस के माध्यम से खबरों को जयपुर भेजा जाता था। संघर्ष के उन दिनों में चेनानी का स्कूटर ही काम आता था। मुझे याद है कि एक बार मैंने राष्ट्रदूत अखबार में उर्स मेले के दौरान पाकिस्तानी जायरीनों द्वारा पाकिस्तान का झंडा लहराने की खबर लिखी। इस खबर के बाद देशभर में हंगामा हुआ। ब सरकार ने खबर की पुष्टि के लिए सबूत मांग लिया। उस समय हमने सभी फोटोग्राफरों की रील ली और एक एक फोटो को नटराज स्टूडियो के डार्क रूम में देखा तभी हमें पाकिस्तानी झंडे वाला फोटो भी मिल गया। अगले दिन सबूत के साथ खबर प्रकाशित की तो संसद में केंद्र सरकार को भी जवाब देना पड़ा। मेरे पत्रकारिता के जीवन में ऐसे कई अवसर आए जिनमें इंदर नटराज के फोटो का खास महत्व रहा। कहा जा सकता है कि इंदर नटराज अजमेर में प्रेस फोटोग्राफी के जनक है। ऐसे में कई फोटोग्राफर हुए जिन्होंने इंदर चेनानी से फोटोग्राफी के गुर सीखे। इंदर चेनानी ने अजमेर के पुराने सभी वरिष्ठ पत्रकारों के साथ काम किया। मेरा यह सौभाग्य है कि इंदर चेनानी से आज भी संवाद बना हुआ है। आज इंदर नटराज भले ही फोटो जर्नलिज्म में सक्रिय न हो, लेकिन शारीरिक दृष्टि से पूर्ण स्वस्थ है। 84 वर्ष की उम्र में भी इंदर चेनानी का शरीर निरोगी बना हुआ है। इसका मुख्य कारण यही है कि वे अपने दैनिक जीवन में अनुशासन प्रिय है। सिंधी समुदाय के इंदर चेनानी को सिंध रत्न देने का जो फैसला किया है, वह सराहनीय है। मोबाइल नंबर 8058884505 पर इंदर चेनानी को बधाई दी जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-03-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511