नव संवत्सर पर अजमेर में चौराहों की सजावट, मंदिर में सुंदर कांड, विक्रम मेला, वाहन रैली, सूर्य वंदना आदि के साथ साथ मिश्री और तुलसी से मुंह मीठा कराया जाएगा। अजमेर थियेटर फेस्टिवल का शानदार आगाज। सरकारी दफ्तरों में 31 मार्च को मनेगा नवसंवत्सर।
विक्रम संवत 2082 के पहले दिन यानी 30 मार्च को नव संवत्सर के अवसर पर अजमेर में विभिन्न आयोजन होंगे। नवसंवत्सर समारोह समिति के संयोजक सुनील दत्त जैन ने बताया कि पूर्व संध्या पर 29 मार्च को सायं छह बजे से रीजनल कॉलेज चौराहा स्थित आनासागर चौपाटी पर विक्रम मेले का आयोजन किया गया है। मेले में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों की प्रस्तुत होगी तथा 25 झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर बच्चों को खाद्य सामग्री निशुल्क दी जाएगी। मेला स्थल पर ही रक्तदान शिविर भी रखा गया है, युवा वर्ग स्वेच्छा से रक्तदान कर सकते हैं। जैन ने बताया कि अगले दिन 30 मार्च की सुबह पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के सामने चौपाटी पर सूर्य वंदना का कार्यक्रम संस्कार भारती की ओर से किया जाएगा। इसमें शास्त्रीय संगीत के माध्यम से सूर्य की उपासना होगी। उन्होंने बताया कि अजमेर शहर के 25 से भी ज्यादा चौराहों को सजाया जा रहा है। कई चौराहों पर बैंड वादन भी होगा। चौराहों पर समिति से जुड़ी 128 टोलियों के कार्यकर्ता लोगों का स्वागत करेंगे। तिलक लगाकर मिश्री और तुलसी से मुंह मीठा कराया जाएगा। इसके साथ ही महानगर की बस्तियों में 29 मार्च को मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ होगा। 29 मार्च को ही नगरा क्षेत्र से विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता एक वाहन रैली निकालेंगे तो जो रीजनल कॉलेज चौपाटी पर आयोजित विक्रम मेले में शामिल होगी। जैन ने बताया कि सनातन धर्म के प्रति जन जागरण के लिए नव संवत्सर से पहले अनेक स्थानों पर विचार गोष्ठियां आयोजित की गई, इसमें प्रचार सामग्री का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि नवसंवत्सर के आयोजनों को लेकर शहर भर में उत्साह देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नवसंवत्सर के आयोजन हमारी सनातन संस्कृति को मजबूत करते हैं।
सरकारी दफ्तरों में 31 को:
चूंकि 30 मार्च को रविवार है, इसलिए सरकारी दफ्तरों में नवसंवत्सर के आयोजन सोमवार 31 मार्च को होंगे। जिन दफ्तरों के परिसर में मंदिर बने हुए हैं वहां धार्मिक आयोजन होंगे। साथ ही सनातन धर्म को मानने वाले कार्मिक एक दूसरे को शुभकामनाएं देकर नवसंवत्सर पर्व मनाएंगे। नव संवत्सर के कार्यक्रमों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829147270 पर संयोजक सुनील दत्त जैन से ली जा सकती है।
व्यंग्य बाणों पर सजी फूलों की सेज सा चुटीला हास्य चूड़ामणि:
*बाय : डॉ. रमेश अग्रवाल*व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब और टी.वी. से परे, बंद कमरों की घुटन से दूर, एक ही सभागार में, एक ही मानसिक धरातल पर बैठ कर और एक सी गुदगुदी तरंग पर नगर के सैंकड़ों प्रबुद्ध जन नें 27 मार्च को एक लम्बे अन्तराल के बाद अत्यन्त स्वस्थ मनोरंजन की बयार को साझे महसूस किया। सतगुरू इन्टरनेशनल स्कूल के आगाज सभागार में आरम्भ हुए चार दिवसीय थियेटर फेस्टीवल के पहले ही दिन सौरभ अनंत द्वारा निर्देशत एवं भोपाल के विहान ड्रामा वर्क्स द्वारा मंचित हास्य प्रहसन हास्य चूड़ामणि ने आगाज के साथ ही फेस्टीवल को चरम ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।
प्राचीन पृष्ठ भूमि पर रचित इस प्रहसन में आधुनिक प्रसंगों के समावेश ने हाल में उपस्थित दर्शकों को एक बिल्कुल नये एवं अनूठे अहसास से अवगत कराया। प्रहसन की पूरी पठकथा एक चोर द्वारा किसी गणिका के गहनों की पुटरिया चुरा कर इसे किसी पाखंडी बाबा के पास छिपाने एवं पीड़ित गणिका द्वारा पुटरिया की खोज में तंत्र मंत्र की गरज से इसी बाबा के पास जा पहुंचने के इर्द गिर्द घूमती है। रोचक एवं कसी हुई पटकथा में लपेट कर न सिर्फ बाबागिरी के पाखंड बल्कि अंधविश्वास एवं आडम्बर में आकंठ डूबे मौजूदा परिवेश पर जोरदार प्रहार किया गया है। प्राचीन कथाओं मैं नजर आने वाले पात्रों के से चरित्र वाले पात्रों के मुंह से नैटवर्क पकड़ने की कोशिश कर रहा हूं, क्यू आर कोड स्कैन करना न भूलें, लाइक और सब्सक्राइब भी करें जैसे संवाद, गुदगुदाने वाले अछूते से हास्य का अहसास कराते हैं। बाबा -चेले की चकल्लस के दौरान कई चुटीले संवाद व्यंग्य की पराकाष्ठा छूते से दिखाई देते हैं मसलन, चोरी का माल छिपाने के लिये बाबाओं से ज्यादा सुरक्षित और कौन सी जगह हो सकती है …….. एक स्थान पर चेला कहता है मैं तो बस यहां से वहां घूमता रहता हूं तो बाबा कहता है, तू क्या देश का प्रधानमंत्री है। योग और आध्यात्म के पर्दे में अपने ब्रांड की मार्केटिंग करने वाले स्वामियों पर किया गया व्यंग्य भी जैसे मलमल पर नक्काशी की तरह कढ़ा हुआ नजर आया। हास्य चूड़ामणि की प्रस्तुति को यादगार बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण घटक इसके कलाकारों का असाधारण एवं उच्च स्तरीय अभिनय था। प्ले के आरम्भ में प्रस्तुत नृत्य गान के दौरान ही इन कलाकारों की मुख मुद्राओं ने अहसास करा दिया था कि आगे होने वाली प्रस्तुति किस कदर हास्य से भरपूर रहने वाली है। लगभग सभी कलाकारों के हाथ पैरों की लयबद्धता और भावाभिव्यक्तियों की चपलता हैरत में डालने वाली थी। कुल मिला कर हास्य चूड़ामणि अजमेर थियेटर फेस्टीवल की एक यादगार उपलब्धि कही जा सकती है। शहर से इतनी दूर और वह भी थियेटर से जुड़े कार्यक्रम में दर्शकों की जितनी उपस्थिति थी वह उत्साहवर्द्धक कही जा सकती है। कुल मिला कर योबी जार्ज , उनकी टीम व रंगकर्म से जुड़े अजमेर के सभी कलाकार इस साझे प्रयास के लिये बधाई के पात्र हैं। शुक्रवार 28 मार्च को इसी मंच पर जोधकुल के अभिनय गुरुकुल के निर्देशक द्वय अरु स्वाति व्यास के नाटक खांचे का प्रदर्शन होगा।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-03-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511