अजमेर के ट्रैफिक प्लान से पहले चौराहों को मूल मास्टर प्लान के अनुरूप बनाया जाए। जब इसी वर्ष जनगणना होनी है तो फिर 2011 को आधार मानकर प्लान क्यों बनाया जा रहा है? आर्किटेक्ट धर्मेन्द्र जैन ने एडीए पर उठाए गंभीर सवाल।
अजमेर विकास प्राधिकरण ने अजमेर का ट्रैफिक प्लान बनाने के लिए दिल्ली की एक एजेंसी को 1 करोड़ 15 लाख रुपए में ठेका दिया है। यह कंपनी 2011 की अजमेर की जनसंख्या के आधार पर ट्रैफिक प्लान बनाएगी। प्राधिकरण के इस फैसले पर अजमेर के आर्किटेक्ट धर्मेन्द्र जैन ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि 2011 की जनसंख्या के आधार पर 2025 में ट्रैफिक प्लान बनाना बेवकूफी भरा निर्णय है। जब इसी वर्ष जनगणना होनी है तो फिर 15 वर्ष पूर्व की जनसंख्या के आधार पर ट्रैफिक प्लान क्यों बनाया जा रहा है? जैन ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी अधिकारियों ने बेवकूफी वाले फैसले किए जिसका परिणाम आज अजमेर शहर भुगत रहा है। खुद अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से लताड़ पड़ रही है। 12 करोड़ की लागत से सेवन वंडर और फूड प्लाजा की इमारत टूटने से जाहिर है कि अधिकारियों ने कितने बेवकूफी वाले निर्णय लिए। आर्किटेक्ट जैन ने कहा कि ट्रैफिक प्लान बनाने से पहले अजमेर शहर के चौराहों को मूल मास्टर प्लान के तहत बनाया जाए। मौजूदा समय में अधिकांश चौराहों के आसपास अतिक्रमण हो गए हैं। जिसकी वजह से चौराहों का स्वरूप ही समाप्त हो गया है। जब तक चौराहे शहरी मास्टर प्लान के अनुरूप नहीं बनेंगे, तब तक ट्रेफिक प्लान बनाने का कोई फायदा नहीं है। जैन ने अजमेर शहर के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से आग्रह किया कि वह ट्रेफिक प्लान वाले मामले में दखल दे। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा चौराहों और 2011 की जनसंख्या के आधार पर ट्रैफिक प्लान बनाया जाता है तो अजमेर की जनता के एक करोड़ 15 लाख रुपए पानी में डूब जाएंगे। मालूम हो कि 2011 में अजमेर शहर की जनसंख्या 5 लाख 50 हजार आंकी गई थी। अजमेर के ट्रेफिक चौराहों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829070743 पर धर्मेन्द्र जैन से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (26-05-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511