राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के बाद शिक्षा बोर्ड के प्रशासक का पद भी रिक्त हुआ। आखिर भाजपा सरकार युवाओं की कब सुनेगी।
अजमेर स्थित राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशासक का पद भी रिक्त हो गया है। सरकार ने अजमेर के संभागीय आयुक्त को ही बोर्ड का प्रशासक नियुक्त कर रखा है। संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा 28 मई को आईएएस की सेवा से निवृत्त हो गए। चूंकि संभागीय आयुक्त का पद भी रिक्त हो गया है, इसलिए बोर्ड प्रशासक का पद भी स्वत: ही रिक्त हो गया। बोर्ड के प्रशासक का पद ऐसे समय में रिक्त हुआ है, जब दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के परिणाम जारी हो रहे हैं। परिणाम जारी होने के बाद बोर्ड का कामकाज और बढ़ जाता है, क्योंकि बड़ी संख्या में परीक्षार्थी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाते हैं। इसके अलावा भी मार्कशीट व अन्य प्रमाण पत्रों को जारी करने का काम बढ़ता है। ऐसे में बोर्ड में प्रशासक न केवल होने से कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यूं तो बोर्ड में स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति होनी चाहिए, लेकिन अध्यक्ष नियुक्त नहीं करने के मामले में मौजूदा भाजपा सरकार भी पिछली कांग्रेस सरकार के पदचिन्हों पर चल रही है। कांग्रेस शासन में रीट परीक्षा में हुए घोटाले के बाद तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर दिया गया था। जारौली की बर्खास्तगी के बाद दो वर्ष तक कांग्रेस सरकार ने भी बोर्ड में स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की और अब भाजपा सरकार ने भी अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में बोर्ड में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की हे। राजस्थान लोक सेवा आयोग में भी अध्यक्ष और एक सदस्य का पद छह माह से रिक्त पड़ा है। अध्यक्ष के नहीं होने से आयोग के कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। प्रदेश के युवाओं से जुड़े इन दोनों महत्वपूर्ण संस्थानों में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से युवाओं में रोष है। सवाल उठता है कि आखिर भाजपा सरकार में युवाओं की आवाज को कब सुना जाएगा? आयोग में स्थायी अध्यक्ष नहीं होने से आरएएस परीक्षा के इंटरव्यू एक चयन बोर्ड द्वारा ही लिए जा रहे हैं। जिसमें काफी समय लग रहा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (29-05-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511