सरकार आरएएस की मुख्य परीक्षा स्थगित कर सकती है, पर आरपीएससी में अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति नहीं करेगी। सरकारी नौकरियां देने वाली संस्था का भाजपा शासन में भी कांग्रेस जैसा हाल।
राजस्थान प्रशासनिक एवं अधीनस्थ सेवा की 2024 की मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों को 2 जून को जयपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से मुलाकात की। अभ्यर्थियों ने राठौड़ को बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने मुख्य परीक्षा 17 व 18 जून को प्रस्तावित कर रखी है, जबकि अभी आरएएस परीक्षा 2023 के इंटरव्यू ही चल रहे हैं। अभ्यर्थियों ने मांग की कि 2023 वाली परीक्षा के इंटरव्यू के परिणाम के बाद ही 2024 की मुख्य परीक्षा ली जाए। यदि 2023 वाली परीक्षा के इंटरव्यू के दौरान वर्ष 2024 की मुख्य परीक्षा ली जाती है तो अभ्यर्थियों के हित प्रभावित होंगे। ऐसे अनेक अभ्यर्थी है जो 2023 की परीक्षा के इंटरव्यू में भी और 2024 की मुख्य परीक्षा में भी शामिल है। सत्तारूढ़ भाजपा के अध्यक्ष राठौड़ ने अभ्यर्थियों की इस मांग पर सहमति जताई और स्पष्ट तौर पर कहा कि 2024 की मुख्य परीक्षा स्थगित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात करेंगे। स्वाभाविक है कि जब सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष ने परीक्षा स्थगित करने पर सहमति जता दी है तो फिर सरकार के निर्देश के बाद आयोग भी आरएएस की मुख्य परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय ले ही लेगा। मालूम हो कि आयोग ने प्रदेश के 21 हजार 539 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए पात्र घोषित किया है। इस परीक्षा के माध्यम से 1096 पदों पर नियुक्ति होगी। यानी सरकार आरएएस की मुख्य परीक्षा स्थगित कर सकती है। लेकिन आयोग में अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति नहीं करेगी। आयोग में अध्यक्ष सहित दो सदस्यों के पद पिछले छह माह से रिक्त पड़े हैं। यदि आयोग में अध्यक्ष और एक सदस्य की नियुक्ति हो जाती तो सरकार को आरएएस की मुख्य परीक्षा स्थगित नहीं करनी होती, क्यों कि अब तक वर्ष 2023 वाली आरएएस की परीक्षा के इंटरव्यू पूरे हो जाते। आयोग में इंटरव्यू 21 अप्रैल से शुरू हुए, लेकिन ये इंटरव्यू भी चरणबद्ध हो रहे हैं। चौथा चरण 4 से 13 जून तक चलेगा। एक चरण में मुश्किल से 200 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू हो पा रहे है। जबकि आयोग को 2 हजार 168 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लेने हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2023 वर्ष वाली परीक्षा के इंटरव्यू कितने दिनों तक चलेंगे। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में आयोग में कार्यवाहक अध्यक्ष सहित पांच सदसय है, इनमें से दो सदस्य श्रीमती संगीता आर्य (पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी) तथा श्रीमती मंजू शर्मा (कवि कुमार विश्वास की पत्नी) को आरएएस के इंटरव्यूज प्रक्रिया से अभी तक अलग रखा गया है। आयोग की परीक्षाओं में हुई गड़बडिय़ों के मामले में इन दोनों महिला सदस्यों से जांच एजेंसी एसओजी ने पूछताछ की है। ऐसे में आरएएस के इंटरव्यू का दारोमदार सदस्य कर्नल केसरी सिंह राठौड़ और प्रोफेसर अयूब खान पर ही है। आयोग में सदस्यों के अभाव में आरएएस के इंटरव्यू के लिए एक बोर्ड ही बन पा रहा है। चयन बोर्ड का अध्यक्ष आयोग के सदस्य को बनाया जाता है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन भाजपा शासन में भी आयोग का हाल कांग्रेस जैसा ही है। मौजूदा समय में सभी पांच सदस्य कांग्रेस सरकार में नियुक्त हुए है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सरकार बने डेढ़ वर्ष हो गया, लेकिन आयोग में रिक्त पदों पर भी नियुक्ति नहीं हो पाई है।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-06-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511