जब हजारों शिक्षकों ने तबादले के आवेदन क्षेत्रीय विधायकों और भाजपा नेताओं के पास जमा करवा दिए तब राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा, यह सब फर्जीवाड़ा है। अभी कोई तबादले नहीं हो रहे हैँ।

राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 19 जून को जयपुर में स्पष्ट किया कि अभी स्कूली शिक्षा में किसी भी स्तर के शिक्षक का तबादला नहीं हो रहा  और न ही क्षेत्रीय विधायकों तथा भाजपा नेताओं के पास किसी शिक्षक को अपना तबादला  आवेदन जमा करने की जरूरत है। यदि किसी स्थान पर आवेदन लिए जा रहे है ते इसे फर्जीवाड़ा माना जाएगा। सरकार के स्तर पर अभी तक तबादले के कोई आवेदन नहीं लिए जा रहे। तबादले कब होंगे, इस बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। दिलावर के इस बयान से तबादले के इच्छुक लाखों शिक्षकों में एक बार फिर निराशा छा गई है। असल में पिछले कई दिनों से हजारों शिक्षक क्षेत्रीय भाजपा विधायक तथा गति विधानसभा में पराजित भाजपा प्रत्याशी के पास तबादले के आवेदन जमा करवा रहे थे। विधायकगण और भाजपा नेता भी शिक्षकों से आवेदन ले रहे थे। अधिकांश विधायकों ने आवेदन लेने पर कोई ऐतराज नहीं किया। विधायक आवेदन ले रहे है, इसकी खबरें अखबारें में प्रमुखता से प्रकाशित हुई, लेकिन फिर भी सरकारी स्तर पर इसका कोई खंडन नहीं किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शमा्र  चाहे तो जांच करवा ले, लेकिन किन किन विधायकों ने शिक्षकों से तबादला आवेदन लिए, लेकिन अब 9 जून को भी मदन दिलावर ने कह दिया कि शिक्षकों के तबादले हो ही नहीं रहे। यहां तक कि विधायकों वाली प्रक्रिया को भी फर्जी बता दिया गया। यदि विधायकों वाली प्रक्रिया फर्जी थी तो फिर सरकार को पहले ही खंडन करना चाहिए था। सवाल उठता है कि इससे शिक्षकों को जो परेशानी हुई, उस का जिम्मेदार कौन होगा? यह हकीकत है कि प्रदेश के 18 हजार स्कूलों में 44 हजार व्याख्याताओं के पद रिक्त पड़े हैं। और तृतीय श्रेणी के लाखों शिक्षक पिछले 8 वर्षों से तबादले का इंतजार कर रहे हैं। पिछली कांग्रेस सरकार ने भी पांच वर्ष तक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं किए और अब डेढ़ वर्ष गुजर जाने के बाद भी भाजपा सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं कर रही। सीएम शर्मा और मंत्री दिलावर माने या नहीं लेकिन सरकार की नीति से शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है। गत कांग्रेस के शासन में जिन शिक्षकों के तबादले राजनीतिक कारणों से हुए उन्हें भी मौजूदा भाजपा सरकार में राहत नहीं मिली है। कहा जा सकता है कि भाजपा की विचारधारा वाले शिक्षक भी मौजूदा सरकार से दुखी और परेशान है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2025)
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