प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित किए जाने की मांग पर सरकार के मंत्रियों को जब सहमति नहीं देनी चाहिए। अभ्यर्थी भी हनुमान बेनीवाल जैसे नेताओं के दम पर धरना प्रदर्शन न करे। राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं अब यूपीएससी की तर्ज पर वार्षिक कलेंडर के अनुरूप ही होगी।

राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष यूआर साहू, सचिव रामनिवास मेहता और परीक्षा नियंत्रक आशुतोष गुप्ता ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग की सभी परीक्षाएं यूपीएससी की तर्ज पर घोषित वार्षिक कलेंडर के अनुरूप ही होगी। आयोग ने जनवरी 2025 से फरवरी 26 तक होने वाली परीक्षाओं का कैलेंडर जारी कर दिया है, इसलिए सभी अभ्यर्थियों को घोषित कैलेंडर के अनुरूप ही निर्धारित तिथियों पर परीक्षा देनी होगी। 19 जून की रात को अचानक बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीनों पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि स्कूल लेक्चरार व खेल कोच प्रतियोगिता परीक्षा 2024 निर्धारित तिथि 23 जून से ही होगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि परीक्षा का वार्षिक कैलेंडर सोच विचार कर बनाया गया है और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथियों का भी ख्याल रखा गया है। जब कोई परीक्षा स्थगित होती है तो ज्यादातर अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आयोग के अध्यक्ष साहू ने कहा कि जब वे डीजीपी के पद पर कार्यरत थे, तब यह मांग की जाती थी कि राजस्थान में भी प्रतियोगी परीक्षा यूपीएससी की तर्ज पर ही घोषित तिथियों पर ही होनी चाहिए। अब जब राजस्थान में भी आयोग वार्षिक कैलेंडर के अनुरूप परीक्षा आयोजित कर रहा है, तब आए दिन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग होती है। इस प्रवृत्ति से उन अभ्यर्थियों को नुकसान होता है जो पूरी मेहनत के साथ परीक्षा की तैयारी करते हैं। कॉन्फ्रेंस में परीक्षा नियंत्रक आशुतोष गुप्ता ने बताया कि दिसंबर 2023 से अब तक 250 परीक्षाएं हुई है, लेकिन एक भी परीक्षा में पेपर लीक जैसी कोई घटना नहीं हुई। यानी राजस्थान में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद आयोग की सभी परीक्षाएं पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ हो रही है। 

बहकावे में न आए:
आयोग के अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक  की प्रेस कॉन्फ्रेंस से जाहिर है कि अब नेताओं को धरना प्रदर्शन और सरकार के मंत्रियों की सहमति के बाद भी कोई परीक्षा स्थगित नहीं होगी। मालूम हो कि आरएएस 2024 की मुख्य परीक्षा को स्थगित करने पर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, डॉ. प्रेमचंद बैरवा, कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ सहित चालीस विधायकों ने लिखित में सहमति दी थी, लेकिन आयोग ने मंत्रियों, विधायकों आदि सभी की सहमतियों को दरकिनार कर 17 व 18 जून को ही परीक्षा करवाई। नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल भी आयोग की परीक्षाओं स्थगित कराने को लेकर अभ्यर्थियों के साथ धरना प्रदर्शन करने में आगे रहते हैं। मौजूदा समय में भी स्कूल लेक्चरर और खेल कोच परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन हो रहा है। जो अभ्यर्थी हनुमान बेनीवाल जैसे नेताओं के झांसे में आकर परीक्षा स्थगन को लेकर धरना प्रदर्शन करते हैं, उन्हें  यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि अब राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं घोषित कैलेंडर के अनुरूप ही होगी। साथ ही सरकार के मंत्रियों को भी किसी परीक्षा को स्थगित करने के लिए सहमति वाला पत्र नहीं लिखना चाहिए। आयोग का यह प्रयास सराहनीय है कि परीक्षा एवं वार्षिक कैलेंडर के अनुरूप हो। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2025)
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