अजमेर के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरके गोखरू ने 69 साल की उम्र में एलएलबी की। वकालत करने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाएंगे।

अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के प्राचार्य रहे मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरके गोखरू ने 69 वर्ष की उम्र में एलएलबी की डिग्री ली है। वह डिग्री एमडीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध भगवंत यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। 28 जून को ही एलएलबी अंतिम वर्ष का परिणाम आया। डॉ. गोखरू ने 70 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। डॉ. गोखरू सरकारी सेवा में रहते हुए प्रतिदिन दो तीन घंटे मेडिकल कॉलेज के छात्रों को पढ़ाने का काम करते थे। लेकिन अब जब 2021 में 65 वर्ष की उम्र होने पर सेवानिवृत्त हुए तो कॉलेज में पढ़ाने का काम भी बंद हो गया। तब डॉ. गोखरू ने स्वयं पढ़ने का निर्णय लिया और एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी। यानी जो डॉ. गोखरू बरसों तक कॉलेज में पढ़ाते रहे, उन्होंने 66 वर्ष की उम्र में छात्र बनने में कोई हिचक नहीं दिखाई। भगवंत  यूनिवर्सिटी के अध्यापक बताते हैं कि डॉ. गोखरू नियमित छात्र की तरह उपस्थित रहे। 70 प्रतिशत अंक बताते हैं कि डॉ. गोखरू ने एलएलबी की पढ़ाई पर उम्र को हावी नहीं होने दिया। यही वजह है कि 69 वर्ष की उम्र में भी डॉ. गोखरू युवा नजर आते हैं।  डॉ. गोखरू आज भी अजमेर के जवाहर रंगमंच के निकट इंदिरा कॉम्प्लेक्स स्थित अपने हार्ट सेंटर में मरीजों को देखने का काम करते हैं। डॉ. गोखरू जब जेएलएन अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख रहे, तब उन्हें पूरे अजमेर संभाग में गरीबों का डॉक्टर कहा जाता था। सरकारी अस्पतालों में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और हार्अ सर्जरी के लाखों रुपए लगते हैं, तब डॉ. गोखरू सरकारी अस्पताल में गरीबों का नि:शुल्क इलाज करते रहे। अजमेर संभाग में हजारों लोग मिल जाएंगे जो डॉक्टर गोखरू की वजह से ही आज सांस ले पा रहे हैं। 

राष्ट्रपति से गुहार:
एलएलबी की डिग्री लेने के बाद भी डॉ. गोखरू अदालतों में पैरवी नहीं कर सकेंगे। डॉ. गोखरू ने बताया कि देश में मौजूदा व्यवस्ािा के अनुसार एक व्यक्ति एक प्रोफेशनल काम ही कर सकता है। चूंकि वे चिकित्सा का कार्य कर रहे हैं, इसलिए वकालत नहीं कर सकते। वकालत करने के लिए उन्हें डॉक्टरी का काम बंद करना होगा। यानी मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के रजिस्ट्रेशन को रद्द करवाना होगा। डॉ. गोखरू का कहना है कि जब व्यक्ति बहुआयामी हो रहा है, तब इस तरह के प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए। यदि कोई डॉ. वकील के तौर पर अदालत में पैरवी करेगा तो पैरवी ज्यादा प्रभावी होगी। अभी चिकित्सा से जुड़े मुकदमों में भी एलएलबी डिग्री वाले वकील पैरवी करते हैं। जबकि ऐसे वकीलों की चिकित्सा क्षेत्र की तकनीकी बातों की जानकारी नहीं होती है। डॉ. गोखरू ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के बहुत से कानूनों को हटा दिया है। ऐसे में एक व्यक्ति एक प्रोफेशनल के नियम को भी हटाना चाहिए। इसके लिए वह राष्ट्रपति को पत्र लिख रहे है। एलएलबी की डिग्री हासिल करने के लिए मोबाइल नंबर 9414002135 पर डॉ. आरके गोखरू को बधाई दी जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (01-07-2025)
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