सिर्फ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पसंद है राजस्थान के नए डीजीपी राजीव शर्मा। विरोधियों को करारा जवाब।
राजस्थान में कांग्रेस के नेता खासकर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अक्सर आरोप लगाते हैं कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नाम मात्र के मुख्यमंत्री हैं। दिल्ली से जो आदेश मिलते हैं, उसकी पालना भजनलाल शर्मा करते हैं। कांग्रेस के ऐसे नेताओं को प्रदेश के नए डीजीपी की नियुक्ति के मामले में सीएम शर्मा ने करारा जवाब दिया है। नए डीजीपी राजीव शर्मा ने 3 जुलाई को पदभार संभालते ही सबसे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से शिष्टाचार मुलाकात की। भले ही यह परंपरा हो, लेकिन इन दोनों की मुलाकात बहुत मायने रखती है। कांग्रेस के नेता कुछ भी कहे, लेकिन राजीव शर्मा के मामले में सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की चली है। यू आर साहू को डीजीपी के पद से हटाकर राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने के साथ्ज्ञ ही सीएम शर्मा ने यह तय कर लिया था कि अब डीजीपी के पद पर राजीव शर्मा ही नियुक्त होंगे। सीएम शर्मा ने अपनी पसंद पहले ही केंद्र सरकार को बात दी थी। परंपरा के अनुरूप डीजीपी के लिए तीन नामों का सलेक्शन हुआ। राजेश निर्वाण का नाम तो सिर्फ औचारिकता पूरी करने के लिए था। दूसरे आईपीएस संजय अग्रवाल की पत्नी श्रीमती मालिनी अग्रवाल को डीजी के पद पर पदोन्नत कर कह दिया कि आपको राजीव शर्मा की सेवानिवृत्ति के बाद डीजीपी बनाया जाएगा। चूंकि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है, इसलिए राजीव शर्मा को केंद्र में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) के डीजी के पद से भी आसानी के साथ रिलीव कर दिया। राजीव शर्मा राजस्थान कैडर के आईपीएस है और प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में सेवाएं दे रहे थे। राजीव शर्मा जब जुलाई 2027 में सेवानिवृत्त होंगे तब संजय अग्रवाल को डीजीपी बनने का अवसर मिल सकता है। अग्रवाल की सेवानिवृत्ति दिसंबर 2028 में होनी है। चूंकि राजीव शर्मा मुख्यमंत्री शर्मा की पसंद रहे, इसलिए उन्हें आईपीएस की एक वर्ष और अधिक नौकरी करने का अवसर भी मिल गया है। राजीव शर्मा के 60 वर्ष मार्च 2026 में पूरे हो रहे हैं यदि राजीव शर्मा डीजीपी नहीं बनते तो आईपीएस के तौर पर मार्च 2026 में सेवानिवृत्ति हो जाती, लेकिन डीजी बनने के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप सेवाकाल में एक वर्ष की वृद्धि स्वत: ही हो गई हे। यानी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कारण राजीव शर्मा को डबल फायदा हुआ है। यहां यह उल्लेखनीय है कि गृह विभाग भी सीएम शर्मा के पास ही है। ऐसे में सीएम शर्मा को डीजीपी के पद पर अपने भरोसे का आईपीएस चाहिए था। कहा जा सकता है कि राजस्थान के पुलिस बेड़े में आईपीएस राजीव शर्मा मुख्यमंत्री के सबसे भरोसेमंद हैं। जब किसी मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग होने के सााि साथ भरोसे का डीजीपी होता है तो ऐसा मुख्यमंत्री बेहद ताकतवर होता है। उम्मीद है कि भजनलाल शर्मा ने जो भरोसा जताया है उस पर राजीव शर्मा खरे उतरेंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (04-07-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511