अजमेर की जल निकासी में बाधक बने अतिक्रमणों पर हाईकोर्ट ने रिपोर्ट तलब की। एडीए और नगर निगम द्वारा जारी पट्टों को भी निरस्त करने के निर्देश। जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के निर्णय से प्रशासन में खलबली।
हाईकोर्ट की जयपुर पीठ के न्यायाधीश संजीत पुरोहित और न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने अजमेर शहर की जल निकासी में बाधक अतिक्रमणों पर प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। यह रिपोर्ट अजमेर के न्यू चंद्र नगर आवासीय कॉलोनी के निवासी प्रवीण देव कौशिक की जनहित याचिका पर गत 18 अगस्त को दिए गए। इस याचिका में कहा गया कि तारागढ़ पहाड़ी से आने वाले बरसाती पानी की निकासी के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण ने नाला बना रखा है। लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों ने नाले की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है। इन अतिक्रमणों के कारण नाले से पानी की निकासी नहीं होती है और बरसात का पानी उनकी कॉलोनी में आ जाता है। याचिका में बताया गया कि प्राधिकरण ने कुछ लोगों को नाले की भूमि पर पट्टे भी जारी कर दिए। हाईकोर्ट में इस आशय की नगर निगम की एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। निगम ने भी माना कि नाले की भूमि पर अतिक्रमण हुआ है। न्यायाधीश पुरोहित और शर्मा ने जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए संपूर्ण अजमेर शहर की जल निकासी पर प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने का है कि अजमेर में जो अतिक्रमण जल निकासी में बाधक है, उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। साथ ही यह भी बताया जाए कि जल निकासी वाले नाले और अन्य माध्यम से किन किन भूमि पर अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने पट्टे जारी किए या मानचित्र स्वीकृत किए। प्रशासन को यह रिपोर्ट आगामी डेढ़ माह में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करनी है। हाईकोर्ट के इन निर्देशों से अजमेर प्रशासन में खास कर प्राधिकरण और नगर निगम में खलबली मची हुई है। हाईकोर्ट के यह निर्देश ऐसे समय सामने आए है जब अजमेर वासी जल जमाव से बुरी तरह परेशान हे। बरसात के दिनों में शहर के अधिकांश स्थानों पर जलजमाव है, क्योंकि जल निकासी वो नालों पर अतिक्रमण हो रहे हैं। चूंकि ऐसे अतिक्रमण प्रभावशाली लोगों के है, इसलिए स्थानीय प्रशासन तोड़ने की कार्यवाही नहीं करता है। कुछ लोगों ने तो प्राधिकरण और नगर निगम से नालों की भूमि पर पट्टे भी प्राप्त कर लिए है। याचिकाकर्ता कौशिक की ओर से हाईकोर्ट में एडवोकेट आशीष सक्सेना और हर्षित मित्तल ने पैरवी की। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता उपस्थित रहे। शहरवासियों को हाईकोर्ट के ताजा निर्देशों से राहत की उम्मीद है। प्रभावशाली लोगों ने शहर के बीचों बीच बने नालों पर भी अतिक्रमण कर रखे हैं। यहां तक कि आनासागर के पानी की निकासी वाले स्थानों पर भी अतिक्रमण हो रखे हैं। हाईकोर्ट के निर्देशों के बारे में और अधिक जानकारी एडवोकेट आशीष सक्सेना मो.नं. 9829073339 तथा एडवोकेट हर्षित मित्तल 9166053332 पर ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-09-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511