सीएम भजनलाल शर्मा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर गिरफ्तारी की तलवार लटकाई। गहलोत ने पूर्व राज्यपाल मिश्र से मुलाकात की।
4 सितंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गिरफ्तारी की तलवार लटका दी है। अपने जोधपुर दौरे में सीएम शर्मा ने कहा कि एसआई भर्ती पेपर लीक के प्रकरण में जिस पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया है, वह लंबे समय तक अशोक गहलोत का पीएसओ रहा है। इस बात की जांच होगी कि पीएसओ के पास परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र कैसा पहुंचा। कांग्रेस के नेता बार बार पूछ रहे है कि मगरमच्छर कब पकड़े जाएंगे? सीएम ने कहा कि अभी हमने पूर्व मुख्यमंत्री के पीएसओ को पकड़ा है। आगे आगे क्या होता है, यह दिखना शेष है। सीएम शर्मा ने गहलोत के पीएसओ पर पहले भी टिप्पणी की है, लेकिन 4 सितंबर वाली टिप्पणी ज्यादा कठोर है। मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्व रखती है कि गृह विभाग भी भजनलाल शर्मा के पास ही है। ऐसे में सभी जांच एजेंसियां सीधे तौर पर सीएम के अधीन आती है। पीएसओ की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों को पेपर लीक प्रकरण में जो जानकारी मिली उसी के आधार पर पूर्व सीएम पर गिरफ्तारी की तलवार लटकाई गई है। यह सही है कि पीएसओ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सुरक्षा में तैनात था, इसलिए एसआई भर्ती की परीक्षा का प्रश्न पत्र हासिल किया। हो सकता है कि जांच का दाराय पीएसओ से आगे बढ़े। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए विजिलेंस के आईजी संजय क्षौत्रिय को राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया था। आमतौर पर आयोग का अध्यक्ष पुलिस महानिदेशक को बनाया जाता है, लेकिन गहलोत ने अपनी राजनीतिक इच्छा पूर्तियों के लिए संजय क्षौत्रिय को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। हाल ही में हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करते हुए संजय क्षौत्रिय की भूमिका को भी संदिग्ध माना है। हालांकि अब क्षौत्रिय आयोग से कार्यमुक्त हो चुके हैं, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जांच एजेंसियां संजय क्षौत्रिय से भी नए सिरे से पूछताछ करेंगी। इस मामले में श्रीमती मंजू शर्मा ने हाल ही में आयोग के सदस्य के पद से इस्तीफा दिया है।
गहलोत की पूर्व राज्यपाल मिश्र से मुलाकात:
4 सितंबर को पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राजस्थान के राज्यपाल रहे कलराज मिश्र से जयपुर में राजभवन में मुलाकात की। मिश्र इन दिनों जयपुर प्रवास पर है। यहां यह उल्लेखनीय है कि मिश्र जब राजस्थान के राज्यपाल थे, तब अशोक गहलोत कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री थे। मिश्र और गहलोत की मित्रता राजनीतिक क्षेत्रों में हमेशा चर्चा का विषय बनी रही। आमतौर पर कांग्रेस शासित राज्यों में राज्यपालों के साथ मुख्यमंत्री का तनाव बना रहता है। लेकिन अशोक गहलोत और कलराज मिश्र के बीच ऐसी मित्रता रही कि मिश्र के गृह राज्य उत्तर प्रदेश के शिक्षाविदें को राजस्थान में विश्वविद्यालयों का कुलपति नियुक्त किया गया। कांग्रेस के शासन में राज्यपाल की सिफारिश वाले शिक्षाविदों की नियुक्ति को लेकर तब कांग्रेस के हाईकमान ने भी चर्चा हुई। लेकिन गहलोत की वजह से ऐसी नियुक्तियां नहीं रुक पाई।
S.P.MITTAL BLOGGER (05-09-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511