तो क्या देवनानी के अध्यक्ष रहते डोटासरा विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे? अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्या मायने है?

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 4 सितंबर को धमकी दी कि यदि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया तो सदन में  देवनानी  के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। डोटासरा की इस धमकी में कितना दम है, यह तो मानसून सत्र की समाप्ति पर ही पता चलेगा। लेकिन इस धमकी से साफ जाहिर है कि डोटासरा और देवनानी के बीच गत बजट सत्र में जो अदावत हुई, वह अभी भी खत्म नहीं हुई है। बजट सत्र में जब देवनानी और डोटासरा के बीच विवाद हुआ तब से ही डोटासरा ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लिया है। मानसून सत्र भी 1 सितंबर से चल रहा है, लेकिन डोटासरा ने अभी तक भ सदन में उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई है। डोटासरा लक्ष्मणगढ़ (सीकर) विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। डोटासरा ने 4 सितंबर को देवनानी को लेकर जो बयान दिया उससे प्रतीत होता है कि देवनानी के अध्यक्ष रहते हुए डोटासरा विधानसभा में नहीं जाएंगे। इसलिए विधानसभा से बाहर बैठक कर अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी जा रही है। जहां तक अविश्वास प्रस्ताव के स्वीकृत होने का सवाल है तो कांग्रेस इस स्थिति में नहीं है कि देवनानी को अध्यक्ष पद से हटा सके। 200 विधायकों में से भाजपा के 120 विधायक है, जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या 66 है। संभवत: निर्दलीय और बीएपी जैसे छोटे दलों के विधायकों का समर्थन भी डोटासरा को नहीं मिलेगा। सदन में बहुमत न होने के बाद भी डोटासरा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दे रहे है। जानकारों की माने तो डोटासरा चाहते थे कि देवनानी उन्हें सदन में आने के लिए विशेष तौर से आग्रह करे। लेकिन देवनानी ने अभी तक भी डोटासरा के मनमुताबिक आग्रह नहीं किया है। मानसून सत्र से पूर्व देवनानी ने जो सर्वदलीय बैठक बुलाई उसमें राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के बजाए विधानसभा में पार्टी के नेता को आमंत्रित किया। यह बात अलग है कि डोटासरा के दबाव में कांग्रेस विधायक दल के नेता टीकाराम जूली भी सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए। डोटासरा भले ही विधानसभा की कार्यवाही में भाग न ले रहे हो, लेकिन सदन में अध्यक्ष देवनानी को असहज करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इन दिनों जूली भी डोटासरा की ही भाषा बोल रहे है। जूली इस बात से खुश है कि डोटासरा सदन में नहीं आ रहे है। जब डोटासरा सदन में होते हैं तो फिर कांग्रेस के सभी विधायक डोटासरा के इशारे पर ही हंगामा करते है। ऐसा लगता है कि डोटासरा की कांग्रेस विधायक दल के नेता है। मालूम हो कि बजट सत्र में जब विवाद हुआ तब डोटासरा के समक्ष अध्यक्ष  देवनानी से माफी मांगने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन तब जूली ने डोटासरा की ओर से माफी मांगी। यानी डोटासरा ने अपने कृत्य के लिए अभी तक भी देवनानी से माफी नहीं मांगी है। डोटासरा ने विधानसभा के अंदर अध्यक्ष के लिए जो अपशब्द कहे उससे देवनानी बहुत व्यथित हुए थे, यहां तक की उनकी आंखों में आंसू तक आ गए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (05-09-2025)
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