आखिर गहलोत को अब वसुंधरा राजे क्यों पसंद आने लगी है? गहलोत के अजमेर दौरे में पायलट समर्थकों ने दूरी बनाई। बोराज तालाब के सभी पीड़ितों को नगद राशि दिलवाएंगे देवनानी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 6 और 7 सितंबर को अजमेर दौरे पर रहे। 7 सितंबर को मीडिया से संवाद करते हुए गहलोत ने कहा कि यदि राजस्थान में भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे होती तो कांग्रेस को संघर्ष करने में ज्यादा मजा आता। गहलोत ने कहा कि भाजपा में राजे का जितना योगदान है, उसमें तो राजे को ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए। भाजपा में कौन मुख्यमंत्री बने यह भाजपा का आंतरिक मामला है, लेकिन सवाल उठता है कि अब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के तौर पर वसुंधरा राजे को क्यों पसंद कर रहे हैं? राजस्थान में गत पांच बार का इतिहास देखा जाए तो मुख्यमंत्री पद की अदला बदली वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के बीच ही हुई है। गहलोत तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने इनमें से दो बार गहलोत ने वसुंधरा राजे से ही सीएम का पद लिया है। यानी वसुंधरा राजे जब जब (दो बार) मुख्यमंत्री बनी तब तब राजस्थान में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। गहलोत को लगता है कि अब जब भजनलाल शर्मा भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री है, तब अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना मुश्किल है। ऐसे में चौथी बार उनका मुख्यमंत्री बनना संभव नहीं है, इसलिए गहलोत भाजपा में राजे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह रहे हैं। यह बात अलग है कि अब कांग्रेस में भी गहलोत की पहले जैसे पकड़ नहीं रही है। गांधी परिवार का तो गहलोत पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। यही वजह है कि वर्ष 2023 में मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद गहलोत को कांग्रेस संगठन में कोई पद नहीं मिला है। गहलोत राजनीति में अपने वजूद को बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।

पायलट समर्थकों ने दूरी बनाई :
पूर्व सीएम गहलोत दो दिनों तक अजमेर में रहे, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट के समर्थकों ने गहलोत से पूरी तरह दूरी बनाए रखी। यहां तक कि अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन भी गहलोत के किसी भी समारोह में शामिल नहीं हुए। गत विधानसभा का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ने वाले महेंद्र सिंह रलावता और हेमंत भाटी ने तो गहलोत की शक्ल देखना भी पसंद नहीं किया। 7 सितंबर को अजमेर के सैकड़ों कांग्रेसी सचिन पायलट का जन्मदिन बनाने के लिए चित्तौड़ के सांवरिया सेठ मंदिर में तो चले गए, लेकिन गहलोत से किसी ने भी मुलाकात नहीं की। अलबत्ता गहलोत के दौरे में आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ और उनके समर्थक लगातार साथ रहे। 7 सितंबर को सर्किट हाउस में हुई गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंदर चौधरी, देहात कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र राठौड़, नगर निगम में प्रतिपक्ष की नेता द्रौपदी कोली, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती साथ रहे। अजमेर जिले में कांग्रेस के एक मात्र किशनगढ़ के विधायक डॉ. विकास चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ गहलोत का स्वागत किया। गहलोत विधायक चौधरी के पैतृक गांव भी पहुंचे और परिजन से मुलाकात भी की। गहलोत के दो दिवसीय दौरे में सचिन पायलट के समर्थकों का न आना यह दर्शाता है कि राजस्थान में कांग्रेस में गुटबाजी बनी हुई है। 

नगद राशि मिलेगी:
अजमेर उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक और विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बोराज तालाब के टूटने से प्रभावित हुए स्वास्तिक नगर के लोगों को भरोसा दिलाया है कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी। नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण के सहयोग से टूटी सड़कें और नालियां तो जल्द ही बनाई जाएगी, साथ ही प्रभावित प्रत्येक परिवार को नगद राशि भी दी जाएगी। इसके लिए देवनानी ने अपने विधानसभा अध्यक्ष पद का एक माह का वेतन देने की घोषणा की। साथ ही भामाशाहों से 25 लाख रुपए दिलवाने का भी वादा किया। देवनानी ने कहा कि यह राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि से अलग होगी, उन्होंने कहा कि मैंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए है कि प्रभावित परिवारों के नुकसान पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। प्रशासन की इस रिपोर्ट के आधार पर ही पीड़ितों की अतिरिक्त मदद की जाएगी। देवनानी ने कहा कि स्वास्तिक नगर उनके विधानसभा क्षेत्र में आता है, इसलिए क्षेत्र के लोगों की मदद करना उनकी जिम्मेदारी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि 6 सितंबर को पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी स्वास्तिक नगर के पीड़ितों से मुलाकात की थी। 
S.P.MITTAL BLOGGER (08-09-2025)
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