गाजा के शांति प्रयासों के लिए पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की। ट्रंप को अब मिल सकता है नोबेल शांति पुरस्कार। तबाही की धमकी के बाद सरेंडर हुआ हमास।

गाजा में सक्रिय मुस्लिम चरमपंथी संगठन हमास ने आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्लान को स्वीकार कर लिया है। इसके अंतर्गत जल्द ही इजरायली बंधकों की रिहाई होगी। साथ ही अमेरिका की मदद से गाजा पट्टी को विकसित किया जाएगा। हमास और इजरायल के बीच शांति प्रयास सफल होने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की है। मोदी ने एक्स पर लिखा है कि ट्रंप के प्रयासों से ही मध्य पूर्व में शांति की पहल हुई है। भारत शुरू से ही शांति प्रयासों का पक्षधर रहा है। मोदी ने जिस तरह ट्रंप की प्रशंसा की है उससे प्रतीत होता है कि अब ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिल ही जाएगा। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाने के लिए ट्रंप लालायित है। ट्रंप का दावा है कि भारत पाकिस्तान सहित छह देशों के बीच युद्ध रुकवाने में उन्होंने पहल की है। यदि भारत और पाकिस्तान का युद्ध आगे बढ़ता तो दुनिया के हालात बिगड़ते क्योंकि दोनों देश परमाणु संपन्न हैं। हालांकि ट्रंप के इस बयान का भारत की ओर से खंडन किया गया, लेकिन अब जब ट्रंप ने इजरायली और हमास के बीच शांति की पहल की है तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप की सराहना की है। मोदी की सराहना से ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने हमास के समक्ष जो शांति का प्लान रखा था, उसे पूर्व में हमास ने मानने से इंकार कर दिया था। लेकिन 3 अक्टूबर को ट्रंप ने कहा कि यदि 5 अक्टूबर तक हमास ने शांति प्लान स्वीकार नहीं किया तो फिर हमास की तबाही शुरू हो जाएगी। ट्रंप की इस धमकी के बाद ही हमास ने शांति प्लान को स्वीकार करने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि अब गाजा में इजरायली की बमबारी भी रुक जाएगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (04-10-2025)
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